ravidas temple, ravidas temple demolition: शहर में हाल में एक रविदास मंदिर को गिराए जाने के विरोध में देश के विभिन्न हिस्सों से आए दलित समुदाय के लोगों ने हाथों में नीले रंग के झंडे लेकर झंडेवालान से रामलीला मैदान तक बुधवार को प्रदर्शन किया। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 10 अगस्त को मंदिर गिरा दिया था।प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से दोबारा मंदिर बनाने की मांग की। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे राजनीतिक रंग न देने की हिदायत दी थी। इसके बावजूद ये मामला राजनीतिक रंग ले चुका है।

पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से आए प्रदर्शनकारी ’जय भीम’ के नारे लगा रहे थे। उन्होंने सरकार से मांग की कि संबंधित जमीन दलित समुदाय को सौंप दी जाए और मंदिर दोबारा बनवाया जाए। यह मामला अब पूरी तरह राजनीतिक रंग ले चुका है क्योंकि कई राजनीतिक पार्टियां तुगलकाबाद के संबंधित स्थल पर या किसी अन्य वैकल्पिक स्थल पर मंदिर बनवाने की मांग कर रही हैं।

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इसी मुद्दे पर 13 अगस्त को पंजाब में दलित समुदाय ने प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन में दिल्ली के सामाजिक न्याय मंत्री राजेंद्र पाल गौतम, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और इस समुदाय के आध्यात्मिक नेता मौजूद थे। बता दें इस मामले पर 19 अगस्त, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज अरुण मिश्रा और एमआर शाह की पीठ ने पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि इस मुद्दे पर राजनीतिक रूप से या प्रदर्शनों के दौरान कानून व्यवस्था संबंधी कोई स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए। पीठ ने कहा था कि हर चीज राजनीतिक नहीं हो सकती। धरती पर किसी के भी द्वारा हमारे आदेश को राजनीतिक रंग नहीं दिया जा सकता।