दलित छात्र की आत्महत्या मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को हैदराबाद यूनिवर्सिटी में छात्रों से मुलाकात की और उनसे बातचीत की। उन्होंने रोहित वेमुला की आत्महत्या के लिए वाइस चांसलर, मंत्री और संस्थान को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि, रोहित यहां पर देश की हालत सुधारने और खुद को अभिव्यक्त करने आया था। उसे इतना दर्द दिया गया कि उसने अपनी जान दे दी। यूनिवर्सिटी ने यहां पर अपनी ताकत का इस्तेमाल दलित छात्रों को दबाने के लिए किया। दिल्ली में बैठे मंत्री ने निष्पक्ष काम नहीं किया। वाइस चांसलर को रोहित के परिवार से मिलने का अधिकार नहीं। यह संस्थान, देश और प्रत्येक छात्र का अपमान हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि, ‘यूनिवर्सिटी का मकसद होता है बोलने की आजादी देना। देश के नौजवान यहां आ सके और अपने दिल की बात रख सके। उन्हें ज्ञान मिल सके। लेकिन जब नौजवानों पर कोई बात थोपी जाए और कहा जाए कि केवल यही स्वीकार किया जाएगा तो बड़ा दुख होता है। संस्थान ने मुक्त भाव से काम करने के बजाय अपनी ताकत से उन्हें कुचल दिया। वाइ स चांसलर और मंत्री ने आजादी से काम नहीं किया। निश्चित रूप से रोहित ने आत्महत्या की लेकिन वाइस चांसलर, मंत्री और संस्थान ने ऐसी परिस्थितियां बनाई।’
उन्होंने कहा कि, ‘छात्रों ने दो चीजों की मांग की है। पहली, राहुल और उसके परिवार को मुआवजा, जो वैध मांग है। दूसरी, जो भी जिम्मेदार हैं उन्हें कड़ी सजा दी जाए। मैंने छात्रों और परिवार से बात की और कहा कि मेरा दरवाजा उनके लिए हमेशा खुला है। मैं उनकी सेवा के लिए तैयार हूं। मैं यहां एक राजनेता के रूप में नहीं आया हूं। मैं एक नौजवान के रूप में यहां आया हूं जो आपका दर्द महसूस करता है।’
क्या है मामला
पिछले साल ABVP लीडर पर हमले के आरोप में हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पांच छात्रों को सस्पेंड कर दिया गया था। इनमें रोहित भी शामिल था। इसके विरोध में कुछ छात्रों ने ज्वाइंट एक्शन कमेटी बनाई। उन्होंने सस्पेंशन को ‘अलोकतांत्रिक’ करार दिया था। उनके मुताबिक, सस्पेंशन के कारण रोहित व अन्य छात्रों को हॉस्टल में नहीं घुसने दिया जा रहा था, जिसकी वजह से उन्हें एक टेंट सोना पड़ रहा था।