लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यूपी में सियासी उलटफेर तेज हो गया है। वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी पार्टी लांच कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 22 फरवरी को वह दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में रैली करने के साथ ही औपचारिक तौर पर इसको लांच करेंगे। हाल ही में उन्होंने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था। पद छोड़ने के पीछे उन्होंने अपनी उपेक्षा किए जाने और अपने बयानों से पार्टी के किनारा करने को वजह बताई थी।
समाजवादी पार्टी में उपेक्षा से चल रहे थे नाराज
स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले कुछ महीनों में कई ऐसे बयान दिए, जिससे पार्टी के अंदर ही उनके खिलाफ आवाज उठने लगी थी। कई बार पार्टी ने उनके बयानों को उनका निजी बयान बताकर उनसे दूरी बना ली थी। इससे वे आहत महसूस कर रहे थे। इसके बारे में उन्होंने खुलकर विरोध जताया। अखिलेश यादव को लिखे इस्तीफे में उन्होंने कहा कि पार्टी में उनका लगातार अपमान किया जा रहा है। पार्टी के छोटे नेता भी उनके विचारों को निजी बयान बताकर उनकी छवि को खराब कर रहे हैं।
हाल ही में राष्ट्रीय महासचिव पद से दिया था इस्तीफा
उन्होंने कहा कि वे जबसे समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं, लगातार पार्टी को जनाधार बढ़ाने में जुटे हैं, लेकिन बदले में पार्टी उनकी उपेक्षा कर रही है। इससे वे आहत हैं। इसीलिए वे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे रहे हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य दलित नेता हैं। 1996 से 2016 तक वे बहुजन समाज पार्टी (BSP) में रहे। 2016 में उन्होंने पार्टी को छोड़कर बीजेपी का साथ पकड़ लिया था। योगी मंत्रिमंडल में वह कैबिनेट मंत्री रहे, लेकिन 2022 में वह बीजेपी से भी अलग हो गये और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये थे। स्वामी प्रसाद मौर्य के जाने से अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है।