दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख को शुक्रवार को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में अभिनेत्री आशा पारेख को पुरस्कार प्रदान किया। आशा पारेख ने पुरस्कार प्राप्त करने पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “दादासाहेब फाल्के पुरस्कार प्राप्त करना एक बहुत बड़ा सम्मान है। यह मुझे मेरे 80वें जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले मुझे मिला, जिसकी मैं आभारी हूं।”
आशा पारेख ने सामाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “मेरे जन्मदिन से दिन पहले पुरस्कार मिला है, इससे मैं खुश हूं। ऐसा लग रहा जैसे मेरी सारी हसरतें पूरी हो गई हैं। पहले यकीन ही नहीं हुआ था कि मुझे अवार्ड मिल रहा है लेकिन अब यकीन हो गया। आप सभी का बहुत आभार, आगे भी ऐसे ही साथ देते रहें।”
आशा पारेख ने 1959 में शम्मी कपूर के साथ फिल्म ‘दिल देके देखो’ में महिला कलाकार के रूप में फिल्मों में अपनी शुरुआत की। वह उस समय केवल 16 वर्ष की थी। उन्होंने उसके बाद कई हिट फिल्मों में काम किया। ‘जब प्यार किसी से होता है’ (1961), ‘फिर वही दिल लाया हूं’ (1963), ‘तीसरी मंजिल’ (1966), ‘बहारों के सपने’ (1967), ‘ प्यार का मौसम’ (1969), और ‘कारवां’ (1971) फिल्मों में ही काम करने के बाद वो हिट गर्ल बन गईं थीं।
वहीं साउथ सिनेमा के मशहूर अभिनेता सूर्या को भी राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। सूर्या को इस साल फिल्म ‘सोरराई पोटरू’ में उनकी बेस्ट परफॉर्मेंस के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पुरस्कार पाने के बाद सूर्या ने कहा, “बहुत बड़ा सम्मान है। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जूरी और भारत सरकार के लिए वास्तव में आभारी हूं। मेरे मन में बहुत सारी भावनाएँ चल रही हैं। मेरे पास शुक्रिया अदा करने के लिए बहुत सारे लोग हैं। सचमुच एक ऐसा पल जिसे मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा।”
वहीं हिंदी ऐतिहासिक ड्रामा तानाजी: द अनसंग वॉरियर को पूर्ण मनोरंजन प्रदान करने के लिए बेस्ट लोकप्रिय फिल्म का पुरस्कार दिया गया है। इसके साथ ही तानाजी के स्टार एक्टर अजय देवगन ने सोरारई पोट्रु की सूर्या के साथ बेस्ट एक्टर का अवार्ड शेयर किया। फिल्म एक्टर अजय देवगन को ये पुरस्कार तीसरी बार प्राप्त हुआ है। अजय देवगन को अक्टूबर 2015 में सिनेमा में सीआईआई उत्कृष्टता पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।