बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव क्षेत्र अब यह चक्रवात जवाद का रूप ले रहा है। शनिवार को यह ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तट से टकरा सकता है। ओडिशा के तटीय इलाकों में जोरदार बारिश हो रही है। प्रभाव वाले क्षेत्रों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात हैं। वहीं ओडिशा में अब तक 55 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है।

आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में इस समय भी हवा 70 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बह रही है। आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में आज भारी बारिश का अनुमान है। वहीं अगले 12 घंटे में यह तूफान पुरी तट पर पहुंच सकता है। ओडिशा में 19 जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं।

किन इलाकों में मचा सकता है तबाही
मौसम विभाग के मुताबिक जिन जिलों में जवाद तबाही मचा सकता है उनमें गजपति, गंजाम, पुरी, नयागढ़, खुर्दा, कटक, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जिले के कई इलाके शामिल हैं। मौसम विभाग ने बताया कि शनिवार से ही तटीय इलाकों में तूफान का प्रभाव दिखने लगेगा। रविवार को यह पूरी तरह से तट से टकरा सकता है।

110 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकती हैं हवाएं
मौसम विभाग के महानिदेशक ने बताया कि तूफान के दौरान 110 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। सऊदी अरब ने इस चक्रवात का नाम जवाद रखा है। चक्रवात को देखते हुए रेलवे ने कई ट्रेनों को रद कर दिया है

कमजोर भी पड़ सकता है तूफान

चक्रवाती तूफान ‘जवाद’ शनिवार मध्याह्न तक ओडिशा-आंध्र प्रदेश तट पहुंचने से पहले गहरे दबाव में तब्दील होकर कमजोर पड़ सकता है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पिछले एक साल में ‘गुलाब’ और ‘यास’ की मार झेल चुके इन पूर्वी तटीय राज्यों को इससे राहत मिलने की उम्मीद है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से कहा गया, “इसके धीरे-धीरे कमजोर पड़ने और अगले 12 घंटे में उत्तर की ओर बढ़ने की उम्मीद है और इसके बाद यह उत्तर की तरफ ओडिशा के तट की तरफ गहरे दबाव के क्षेत्र के रूप में पुरी के पास जा सकता है।” बुलेटिन में कहा गया कि इसके बाद ‘जवाद’ के और कमजोर होने और उत्तर-पूर्वोत्तर की तरफ ओडिशा से पश्चिम बंगाल के तट की ओर बढ़ने के आसार हैं। भुवनेश्वर के मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी यू एस दास ने कहा, “यह समुद्र में कमजोर पड़ने के बाद गहरे दबाव के रूप में पुरी के तट से टकरा सकता है।”