विशाखापत्तनम/भुवनेश्वर। चक्रवाती तूफान हुदहुद आंध्र प्रदेश और ओड़िशा में चारों तरफ बर्बादी के मंजर छोड़ गया है। कुल 24 लोगों की मौत हुई है। लाखों लोग बेघर हो गए हैं और बंदरगाह शहर विशाखापत्तनम सहित करीब दर्जन भर जिलों में बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है। आंध्र प्रदेश और ओड़िशा में ध्वस्त हुई संचार सेवाएं, बिजली संपर्क बहाल करने और मलबे से भरी सड़कों की सफाई करने के लिए राहत कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 24 हो गई है। चक्रवात से बीस लाख की आबादी वाला विशाखापत्तनम जिला बुरी तरह प्रभावित हुआ जहां बड़ा नौसैनिक अड्डा है। कई जिलों के हजारों लोग बेघर हो गए हैं और सात लाख से ज्यादा लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। इनमें से पांच लाख लोग आंध्र प्रदेश के हैं जिन्हें सुरक्षा की दृष्टि से उनके घरों से हटाया गया है।
प्रचंड हवाओं और भीषण वर्षा को सिर पर उठाए हुदहुद चक्रवात के बाद पूरा विशाखापत्तनम शहर ऐसा लग रहा है जैसे यह कोई युद्ध स्थल हो। जगह जगह उखड़े पेड़, धराशायी हुए मोबाइल टावर, बिजली के ट्रांसफार्मर और टेलीफोन के खंभे इस तबाही की गवाही दे रहे हैं। शहर में संचार व्यवस्था और बिजली आपूर्ति ने तो शनिवार रात से ही दम तोड़ दिया था और चक्रवात के बारे में सूचना लेने के लिए लोग संवाद के दशकों पुराने माध्यम रेडियो का सहारा ले रहे थे।
हुदहुद की तबाही से विशाखापत्तनम का हवाई अड्डा भी नहीं बच पाया और तेज हवा में उसकी कई छतें उड़ गई, बिजली व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई। शहर की एक महिला ने कहा- हम बुरी तरह भयभीत थे। हमने खिड़किया बंद कर रखी थीं लेकिन हवाओं की आवाज बेहद भयावह थी। यहां गत शनिवार रात से ही अपने घरों में बंद लोग सोमवार को वर्षा रुकने के बाद बाहर निकले। एक निवासी ने कहा कि बिजली, पानी की आपूर्ति नहीं है, खाना भी नहीं है। हमें पेट्रोल नहीं मिल रहा है। हम सड़कों पर नहीं चल सकते। यहां पर एक दिन भी गुजर करना मुश्किल है। अधिकारियों ने मलबा हटाने और विशाखापत्तनम में सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
विशाखापत्तनम सहित दर्जन भर जिलों में धराशायी हुए बुनियादी ढांचे की बहाली के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है। आंध्र प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेष आयुक्त के हेमावती ने बताया कि विशाखापत्तनम जिले में 15 लोगों के मारे जाने की खबर है जबकि विजयनगरम में पांच और श्रीकाकुलम में एक व्यक्ति के मारे जाने की सूचना मिली है। राज्य सरकार के सलाहकार (संचार) परकाला प्रभाकर ने बताया कि ज्यादातर लोगों की मौत पेड़ गिरने की वजह से हुई। ओड़िशा में तीन लोगों की मौत हुई।
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार विशाखापत्तनम में 1.35 लाख से ज्यादा लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। इनके लिए खाद्य सामग्री के पैकेट और जरूरी सामान विजयवाड़ा और अन्य स्थानों से विमानों के जरिए लाए गए। सामग्री लेकर आए विमानों को सुबह उतरने में समस्या हुई लेकिन इसे हल कर लिया गया।
राहत अभियानों की निगरानी के लिए विशाखापत्तनम में रुके मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार को शहर का हवाई सर्वे किया और अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख की अनुग्रह राशि, 25 किग्रा चावल, एक किग्रा चीनी और पांच लीटर केरोसिन देने का एलान किया। नायडू जब संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, उसी समय केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का फोन आया। नायडू ने उनसे मंगलवार को प्रभावित स्थानों का दौरा करने का आग्रह किया।
आंध्र प्रदेश के तटीय हिस्से में तबाही मचाने के बाद यह ओड़िशा की ओर बढ़ा जहां करीब 50,000 कच्चे मकान, बिजली का नेटवर्क और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। इसके बाद चक्रवात ने छत्तीसगढ़ का रुख किया और ‘गहरे दबाव के क्षेत्र’ के तौर पर कमजोर हो गया।
विशाखापत्तनम के अलावा उत्तर तटीय आंध्र के जिलों श्रीकाकुलम, विजयनगरम और ईस्ट गोदावरी में भी व्यापक नुकसान हुआ। ओड़िशा में हुदहुद ने जिन आठ जिलों पर अपना कहर बरपाया उनमें गजपति, कोरापुट, मलकानगिरी अैर रायगढ़ शामिल हैं। केंद्र सरकार स्थिति पर गहरी नजर रखे हुए है।
मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने राजमुंदरी में कहा कि सरकार की प्राथमिकता प्रभावित गांवों तक संपर्क बहाल करना, संचार नेटवर्क स्थापित करना और राहत शिविरों में रह रहे लोगों की देखभाल करना है। आंध्र प्रदेश के चार उत्तर तटीय जिलों में और ओड़िशा के कई हिस्सों में भीषण बारिश के लिए अलर्ट जारी किया गया है। राज्य सरकार ने वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों के पांच दल बनाए हैं जो राहत अभियानों की निगरानी करेंगे।
चक्रवात के छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ने के बाद ओड़िशा के इस प्राकृतिक आपदा से सर्वाधिक बुरी तरह प्रभावित हुए चार आदिवासी जिलों में जीवन को सामान्य स्थिति में लाने के लिए प्रयास तेज हो गए हैं। ओड़िशा सरकार ने कहा कि चक्रवात के कारण करीब 80 हजार मकान क्षतिग्रस्त हो गए, तीन लोग मारे गए और बिजली आपूर्ति, संचार व सड़क ढांचे को खासा नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने स्थिति का जायजा लेने के बाद कहा कि बुनियादी ढांचे की बहाली का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। विशेष राहत आयुक्त पीके महापात्र ने बताया कि चार जिलों…गजपति, कोरापुट, मल्कानगिरी और रायगढ़ चक्रवात से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। हालांकि अन्य दक्षिणी जिलों जैसे गंजाम, कंधमाल, कालाहांडी और नवरंगपुर में अपेक्षाकृत कम नुकसान हुआ है।
हुदहुद चक्रवात की वजह से झारखंड में भी भारी बारिश और तेज हवाओं की चपेट में आकर 300 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए और कई व्यक्ति घायल हो गए। राज्य में और बारिश होने की अनुमान लगाया गया है। चक्रवात की वजह से पश्चिम सिंहभूम जिले के मुख्यालय चाइबासा और उसके आसपास के इलाकों में कम से कम चार लोग घायल हो गए और करीब 80 घर क्षतिग्रस्त हो गए।