भारत ने चक्रवात दित्वाह से प्रभावित श्रीलंका को मानवीय सहायता भेजने के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने के पाकिस्तान के अनुरोध पर सोमवार को त्वरित विचार किया। अधिकारियों ने पाकिस्तानी मीडिया में आई उन खबरों को फर्जी करार दिया जिनमें कहा गया है कि भारत ने श्रीलंका को मानवीय सहायता भेजने के लिए पाकिस्तान को अपने हवाई क्षेत्र से उड़ान भरने की इजाजत नहीं दी।

अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान ने सोमवार को दोपहर लगभग एक बजे (भारतीय समयानुसार) भारतीय हवाई क्षेत्र के ऊपर से उड़ान भरने की अनुमति मांगते हुए आधिकारिक अनुरोध किया था। अधिकारियों के मुताबिक, चूंकि अनुरोध श्रीलंका को मानवीय सहायता भेजने के लिए किया गया था इसलिए भारत ने इसे शीघ्रता से मंजूरी दे दी और सोमवार को शाम साढ़े पांच बजे (भारतीय समयानुसार) आधिकारिक माध्यम से पाकिस्तान को इसकी सूचना दे दी। उन्होंने बताया कि इस पर बेहद कम यानी मात्र चार घंटे की नोटिस अवधि में कार्रवाई की गई।

पाकिस्तानी मीडिया में चलीं फर्जी खबरें

अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से भारतीय विमानन कंपनियों के लिए अपने हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद भारत ने यह कदम पूरी तरह से मानवीय आधार पर उठाया। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘पाकिस्तानी मीडिया हमेशा की तरह दुष्प्रचार और फर्जी खबरें फैलाने में लगा हुआ है। ये आरोप बेबुनियाद और भ्रामक हैं। हवाई क्षेत्र से गुजरने के सभी अनुरोधों पर स्थापित प्रक्रियाओं और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार सख्ती से कार्रवाई की जाती है।’’

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अधिकारियों ने बताया कि हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल की अनुमति पर भारत के निर्णय मानक परिचालन, तकनीकी और सुरक्षा आकलनों से संचालित होते हैं न कि राजनीतिक विचारों से। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी मीडिया में प्रसारित खबरें गलत और गैर-जिम्मेदाराना हैं।

श्रीलंका में चक्रवात दित्वाह से भारी तबाही

भारतीय वायु सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मियों ने चक्रवात दित्वाह से हुई तबाही के बीच श्रीलंकाई अधिकारियों को बचाव और राहत प्रयासों में सहायता की। भारत ने ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ के तहत द्वीपीय राष्ट्र में 80 एनडीआरएफ कर्मियों वाली दो शहरी खोज और बचाव टीमें भेजीं, जिससे ‘पड़ोसी प्रथम’ की भावना की पुष्टि हुई। भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने भी एक साहसिक अभियान के तहत भारत, जर्मनी, स्लोवानिया, ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका के नागरिकों समेत फंसे हुए यात्रियों को एक प्रतिबंधित क्षेत्र से बाहर निकाला था। भारतीय वायुसेना ने त्वरित मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) कार्यों के लिए कोलंबो में MI-17 V5 हेलीकॉप्टर भी तैनात किए थे। श्रीलंका चक्रवात दित्वाह के कारण आई भीषण बाढ़ से जूझ रहा है। बाढ़ और भूस्खलन के कारण 390 से अधिक लोग मारे गए हैं।

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