वाइट हाउस ने यह जानकारी दी।वाइट हाउस ने कहा कि आस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के अधिकारियों ने 30-31 जनवरी को नई दिल्ली में ‘क्वाड सीनियर साइबर ग्रुप’ की बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया जो समावेशी और लचीला हो।
अपने बयान में वाइट हाउस ने कहा कि दीर्घकालिक रूप में समूह साइबर सुरक्षा बढ़ाने के लिए मशीन लर्निंग और संबंधित आधुनिक प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने तथा ‘कंप्युटर इमरजंसी रिस्पांस टीम’ (सीईआरटी) के लिए सुरक्षित चैनलों की स्थापना करने एवं निजी क्षेत्र के खतरे की जानकारी साझा करने पर सहमत है।
वाइट हाउस ने कहा कि समूह आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षा एवं सूचना संचार प्रौद्योगिकियों (आइसीटी) के लिए लचीलापन तथा अहम क्षेत्रों में संचालनगत प्रौद्योगिकी (ओटी) प्रणालियों के लिए खाका एवं कार्यप्रणाली विकसित करने के वास्ते प्रतिबद्ध है। इसने कहा कि ये उद्देश्य समूह के लिए भविष्योन्मुख, महत्त्वपूर्ण कार्य योजना का एक अहम हिस्सा बनाते हैं।
साथ ही, वाइट हाउस ने कहा कि इन उद्देश्यों पर प्रगति से क्वाड सदस्यों की राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा बढ़ेगी और साइबर हमले की घटनाएं कम होंगी तथा इस तरह के खतरों पर प्रतिक्रिया देने की उनकी क्षमता बढ़ेगी। वाइट हाउस ने कहा कि ‘मशीन लर्निंग’ अनुसंधान पर निकट सहयोग से नेटवर्क घुसपैठ का बेहतर पता लगाने और महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के साइबर जोखिम प्रबंधन में सुधार करने में अधिक आसानी होगी।