कांग्रेस कार्य समिति ने बुधवार को आरोप लगाया कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) साजिश आज हमारे लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है और यह दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों जैसे हाशिए पर खड़े समुदायों को उनके मताधिकार से वंचित करने के लिए रची गई है। विस्तारित कार्य समिति की बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए जिनमें एक राजनीतिक और दूसरा बिहार से संबंधित है।

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि बैठक के दौरान 51 लोगों ने चर्चा में भाग लिया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने राजनीतिक प्रस्ताव और बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख राजेश कुमार राम ने बिहार से संबंधित प्रस्ताव रखा। वेणुगोपाल ने कहा कि बैठक में संगठन को मजबूत करने और वोट चोरी को लेकर मुख्य रूप से चर्चा की गई।

‘SIR लोकतंत्र के लिए खतरा’

बिहार से संबंधित प्रस्ताव में कहा गया है, “मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की साजिश आज हमारे लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है। बिहार में साफ दिखता है कि यह प्रक्रिया योजनाबद्ध ढंग से दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों जैसे हाशिए पर खड़े समुदायों को उनके मताधिकार से वंचित करने के लिए रची गई है।”

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उसने कहा कि मताधिकार पर हमले का यह षड्यंत्र अंततः इन समुदायों को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं और उनके संवैधानिक आरक्षण के अधिकार से भी विहीन कर देगा। प्रस्ताव में कहा गया है, “जब जनता का वोट छीना जाता है, तो उसके साथ उनका भविष्य, उनकी गरिमा और उनके संवैधानिक अधिकार भी छीन लिए जाते हैं।”

कार्य समिति ने वोटर अधिकार यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा, “राहुल गांधी ने बिहार में मताधिकार यात्रा निकाली, ताकि इस अलोकतांत्रिक प्रक्रिया का विरोध किया जा सके। यह यात्रा बिहार के हर गांव और हर गली तक यह स्पष्ट संदेश लेकर पहुंची कि जब तक प्रत्येक नागरिक का वोट सुरक्षित नहीं होगा, तब तक उनके अधिकार, उनका भविष्य और उसके साथ लोकतंत्र भी सुरक्षित नहीं रह सकता।” उसने कहा, “इस संघर्ष को बिहार की जनता की अभूतपूर्व प्रतिक्रिया और भागीदारी ने और मजबूती दी।”

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