इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) का मास्टर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) प्रमुख कार्यक्रम है। दुनिया के सबसे बड़े मुक्त विश्वविद्यालय का यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों और नियोक्ताओं के बीच काफी प्रसिद्ध है। आज हम आपको इग्नू के इस पाठ्यक्रम के फायदे बता रहे हैं।
एआइसीटीई से मान्यता प्राप्त : इग्नू का यह पाठ्यक्रम अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) से मान्यात प्राप्त है। यह तथ्य विद्यार्थियों को एक निश्चितता प्रदान करता है कि उनकी एमबीए की डिग्री पर प्रकार की नौकरी और उच्च अध्ययन के लिए स्वीकार्य है।

किफायती : एमबीए पाठ्यक्रम पेश करने वाले समान संस्थानों की तुलना में शुल्क बहुत किफायती है। कार्यक्रम की कुल फीस 62,000 रुपए है, जिसका भुगतान चार सेमेस्टर में किया जाना है। पात्रता : पात्रता मानदंड सीधा है और इसके लिए किसी भी प्रवेश परीक्षा को पास करने की आवश्यकता नहीं है।

50 फीसद अंकों और 45 फीसद (आरक्षित वर्ग के लिए) के साथ कोई भी स्नातक एमबीए कार्यक्रम में प्रवेश पा सकता है। पाठ्यक्रम संरचना : एमबीए का पाठ्यक्रम एआइसीटीई के अनुरूप है। पाठ्यक्रम को हाल ही में देश भर के प्रसिद्ध प्रबंधन शिक्षाविदों ने तैयार किया है। पाठ्यक्रम में नवीनतम अवधारणाओं, तथ्यों और आंकड़ों को शामिल करते हुए विकसित किया गया है। पाठ्यक्रम को रोजगार योग्यता और कौशल आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

विशेषज्ञता : वर्तमान में, इग्नू के पाठ्यक्रम में मानव संसाधन प्रबंधन, विपणन प्रबंधन, वित्तीय प्रबंधन, संचालन प्रबंधन और सेवा प्रबंधन में पांच विशेषज्ञता प्रदान की जा रही हैं। विद्यार्थी अपनी पसंद और आवश्यकता के अनुसार विशेषज्ञता चुन सकते हैं। पाठ्यक्रम की पढ़ाई : इग्नू पढ़ाई के लिए ‘मल्टीमीडिया मोड’ का उपयोग करता है। एमबीए पाठ्यक्रम दूरस्थ और आनलाइन मोड दोनों में पेश किया गया है। साथ ही इसकी पाठ्य सामग्री प्रिंट और डिजिटल दोनों मोड में उपलब्ध हैं।

साप्ताहिक परामर्श कार्यक्रम पढ़ाई का एक अभिन्न अंग है। विद्यार्थी अपने अध्ययन केंद्र चुनते हैं, जहां वे शिक्षण अधिगम के लिए अकादमिक परामर्शदाताओं से सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालय लाइव काउंसलिंग सत्र आयोजित करता है, जिसे स्वयंप्रभा डीटीएच चैनल के माध्यम से प्रतिदिन प्रसारित किया जाता है। लचीलापन : 62 क्षेत्रीय केंद्रों और 2,000 से अधिक अध्ययन केंद्रों के रूप में विश्वविद्यालय की अखिल भारतीय उपस्थिति शिक्षार्थियों को अपना स्थान और अध्ययन की गति चुनने की सुविधा प्रदान करती है।

प्रस्तुति : सुशील राघव