Gulam Nabi Azad: डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के चीफ गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि कांग्रेस की वर्तमान लीडरशिप का देश के लोगों के ऊपर कोई प्रभाव नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं कांग्रेस पार्टी को एक्सपोज और पूरी तरह से खत्म नहीं करना चाहता।”
गुलाम नबी आजाद ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि नहरू, राजीव और इंदिरा सदमा सह सकते थे। उनमें धैर्य था। उनके पास जनता का समर्थन था, जनता उनकी इज्जत करती थी। वे समय के साथ अपने काम के जरिए वापसी कर सकते थे।
DPAP के चीफ इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, “मैं कांग्रेस पार्टी को पूरी तरह से एक्सपोज और खत्म नहीं करना चाहता। मेरे लीडरशिप से कुछ मतभेद जरूर हैं लेकिन मेरे कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस विचारधारा से कोई मतभेद नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “मेरा कांग्रेस की विचारधारा या पहले के कांग्रेस नेतृत्व से कोई मतभेद नहीं है। बेशक मैंने अपनी किताब में नेहरू जी के समय में, इंदिरा जी के समय में, राजीव जी के समय में क्या गलत हुआ, इसका उल्लेख किया है, लेकिन मैंने यह भी कहा कि वे बड़े नेता थे।”
आपको बता दें कि गुलाम नबी आजाद पांच दशक तक कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे हैं। उन्होंने पिछले साल कांग्रेस पार्टी से नाता तोड़ने के बाद सितंबर में अपनी अलग पार्टी बना ली थी। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर में जल्द चुनाव होंगे।
उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में बताया कि कांग्रेस छोड़ने के बाद उनकी गांधी परिवार से फोन पर कोई बातचीत नहीं हुई है। कांग्रेस में वापसी के सवाल पर उन्होंने कहा कि नहीं, पर्सनल रिलेशन रहेंगे लेकिन कांग्रेस में दोबारा शामिल होने की संभावना बहुत कम है।
अपनी किताब से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि यह नेहरू या इंदिरा गांधी या राजीव गांधी का समय नहीं है। राजीव भी वापसी नहीं कर सके। सिर्फ इंदिरा ऐसा कर पाईं क्योंकि वह जमीनी स्तर से ऊपर आई थी। इंदिरा गांधी स्वतंत्रता संग्राम में शामिल थीं … इसलिए वह अभ्यस्त थीं। वह लोगों के दिलों में थी। कांग्रेस का वर्तमान नेतृत्व कहता है कि हमें 60 से ऊपर के नेता नहीं चाहिए। यह एक राजनेता के लिए परिपक्व उम्र है, जब लोग आपको गंभीरता से लेते हैं… यह एक गलत आकलन है।