जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त होने के बाद भारतीय सेना की तमाम इकाइयां जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य स्तर पर लाने की कोशिश में जुटी हैं। लोगों को कोई परेशानी ना हो इसके लिए सीआरपीएफ ने भी ‘मददगार’ हेल्पलाइन सेवा भी शुरू की। 11 अगस्त से 16 अगस्त के बीच इस सेवा पर 7,071 फोन आए। इसमें लोगों ने कश्मीर में स्थित अपने परिवार की सुरक्षा के बारे में पूछताछ की। खास बात है कि इस दौरान ‘मददगार’ सेवा पर 171 फोन देश से बाहर से आए। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में तैनात जवानों के परिवारों ने 2,700 फोन कॉल्स किए।

रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक फोन (2,448) प्रदेश के बाहर रहे कश्मीरियों के आए। इसके अलावा 1,752 कॉल गैर-कश्मीरियों द्वारा कश्मीर के बाहर से किए गए। ‘मददगार’ नंबर 1441 पर 45 फोन सऊदी अरब से भी आए। फोन करने वाले लोगों ने कश्मीर में रह रहे उनके परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी मांगी और कुछ उनसे बात करने का अनुरोध भी किया।

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टीओआई में छपी खबर के मुताबिक अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद 22 देशों से ‘मददगार’ सेवा पर फोन किया गया। इसमें यूएई (39), कुवैत ( 12), इस्राइल (8 ), मलेशिया (8), रूस (7) अमेरिका के न्यूयार्क से (6), तुर्की (6), ऑस्ट्रेलिया (5), यूके-सिंगापुर-बांग्लादेश (5), कनाडा-बहरीन-जर्मनी-फिलीपींस-थाईलैंड (3), ओमान-फ्रांस-बेल्जियम (2) और चीन-कतर से एक-एक फोन किए गए।

इसमें एक दिलचस्प बात कहते जम्मू-कश्मीर प्रशासन में एक वरिष्ठ अधिकारी ने टीआईओ को बताया उन्हें बहुत से फोन पाकिस्तान के अलग-अलग नंबरों से आए। कुछ लोगों ने वास्तव में कश्मीर में रह रहे अपने रिश्तेदारों के बारे में पूछताछ और कुछ लोगों ने गालियां दीं।