एक और वर्जना को तोड़ते हुए देश का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल कुछ चुनिंदा वाम चरमपंथ प्रभावित राज्यों में नक्सल विरोधी अभियानों के लिए 560 से अधिक महिला कमांडो की तैनाती करने जा रहा है। राजस्थान के अजमेर में स्थित इस बल के प्रशिक्षण केंद्र से 567 महिलाओं के बैच के पिछले हफ्ते पास आउट होकर निकलने के साथ ही देश के आतंरिक सुरक्षा के क्षेत्र में सबसे चुनौतीपूर्ण रणक्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में महिला कर्मियों की तैनाती की महतत्वाकांक्षी योजना आगे बढ़ी है।

सीआरपीएफ महानिदेशक के दुर्गाप्रसाद ने कहा कि पूरे को ‘कंपनी फोरमेशन’ शैली में वामचरमपंथ प्रभावित क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से तैनात किया जाएगा। ‘कंपनी फोरमेशन’ का तात्पर्य एक बार में 100 कर्मियों को तैनात करना है। प्रसाद ने कहा, ‘‘ये महिलायें वामचरमपंथ क्षेत्र के कामों को ध्यान में रखकर प्रशिक्षित की गयी हैं। हमने उन्हें सेवा की शुरुआत में ही प्रारंभिक वर्षों में कठिनतम जिम्मेदारी देने को सोची। प्रारंभ में ये महिला कर्मी एक कंपनी में तैनात की जाएंगी और कुछ समय बाद उनकी तैनाती और कार्य उपयुक्तता बढ़ाई जाएगी।’’

अधिकारियों ने कहा कि सीआरपीएफ इस धारणा पर काम कर रहा है कि यदि माओवादियों के बीच महिलाएं हो सकती हैं तो सुरक्षाबलों में क्यों नहीं। हाल ही में सीमा प्रहरी बल भारत तिब्बत सीमा पुलिस ने घोषणा की थी कि वह अपनी महिला कर्मियों को भारत चीन सीमा के समीप अपनी इकाइयों में पूर्ण युद्ध भूमिका में तैनात करेगा।