नए साल के आगमन के ठीक एक दिन पहले यानी रविवार को जम्मू कश्मीर में तीन आतंकियों ने सीआरपीएफ के कैंप पर हमला किया था। इस हमले में जहां पांच जवान शहीद हुए थे तो वहीं दो आतंकियों को भी ढेर किया गया था। इन आतंकियों में से एक की उम्र महज 16 साल थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस नाबालिग आतंकी की पहचान फरदीन अहमद खांडे के नाम से की गई है। फरदीन जम्मू कश्मीर पुलिस के कांस्टेबल गुलाम मोहम्मद खांडे का बेटा था। तीन महीने पहले कक्षा दसवीं की पढ़ाई छोड़कर फरदीन आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था। वह मुख्य रूप से हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी के होमटाउन त्राल का रहनेवाला था। इसके अलावा जो दूसरे आतंकी को सेना ने मौत के घाट उतारा उसकी पहचान 22 वर्षीय मंजूर बाबा ड्रूबगाम के नाम से की गई है। वहीं तीसरे आतंकी की तलाश की जा रही है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पुलवामा में अवंतीपुरा में स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 185वीं बटालियन के शिविर पर हुए आतंकी हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि देश के लिए अपनी जान की कुर्बानी देने वाले शहीद जवानों के परिवार का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
#BREAKING | Pampore terror attack: I assure the martyred jawans’ families that the sacrifice of our Forces will not go in vain, says Union Home Minister Rajnath Singh pic.twitter.com/7BropPw1wt
— TIMES NOW (@TimesNow) January 1, 2018
बता दें कि आतंकवादियों ने 31 दिसंबर यानी रविवार के दिन तड़के करीब दो बजे सीआरपीएफ के शिविर पर ग्रेनेड से हमला किया था। हमले में चार भारतीय जवान शहीद हुए थे। बाद में एक घायल जवान ने भी दम तोड़ दिया। सेना की जवाबी कार्रवाई में 2 आतंकवादियों को भी ढेर किया। सीआरपीएफ के अधिकारियों ने बताया, ‘‘रात करीब दो बजे सशस्त्र आतंकवादी शिविर में घुस आये। वे अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर और स्वचालित हथियारों से लैस थे। उन्होंने शिविर में मौजूद संतरियों को चुनौती दी।’’ एक शहीद सीआरपीएफ जवान की पहचान श्रीनगर के रहने वाले सैफुद्दीन सोज के रूप में की गयी है। जम्मू एवं कश्मीर में सुरक्षा बलों ने 2017 में कुल 206 आतंकियों को मार गिराया, जबकि 75 अन्य को हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने के लिए राजी किया गया। राज्य पुलिस प्रमुख एस.पी. वैद ने रविवार को इस बात की जानकारी दी। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक वैद ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में 2017 के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन ऑल आउट’ को लेकर कई गलतफहमियां थीं।