पिछले साल की गई सर्जिकल स्ट्राइक की ही तरह भारतीय जवानों ने लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पार कर सोमवार (25 दिसंबर) की रात पाकिस्तानी सीमा में घुसपैठ कर पांच पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया है। इसे 23 दिसंबर को पाकिस्तानियों द्वारा भारतीय सैनिकों की शहादत का बदला कहा जा रहा है। बता दें कि पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) ने शनिवार (23 दिसंबर) को सीमा पार जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में सैनिक चौकी पर हमला बोल दिया था जिसमें मेजर समेत चार भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की ही तरह एक ऑपरेशन की प्लानिंग की और उसे बखूबी अंजाम दिया। 45 मिनट के इस ऑपरेशन को सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कहने से इनकार किया है। हालांकि, सफल ऑपरेशन की पुष्टि की है।
इस ऑपरेशन में सेना के 10 कमांडोज को लगाया गया था। सेना के सूत्रों के मुताबिक ये कमांडोज इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडीज), असॉल्ट राइफल और लाइट मशीनगन्स से लैस थे। ऑपरेशन के दौरान भारतीय कमांडोज ने एलओसी से 500 मीटर अंदर तक घुसपैठ की थी। सबसे पहले भारतीय जवानों ने आईईडीज का इस्तेमाल कर पाक सैनिकों का ध्यान भटकाया फिर दूसरी तरफ से असाल्ट राइफल्स और लाइट मशीनगन्स से उन पर हमला बोला। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वहां की सरकार ने इस हमले में तीन सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की है। भारत का एक भी जवान इस ऑपरेशन में घायल नहीं हुआ।
सरकार में बैठे उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने इस तरह के टेक्टिकल स्ट्राइक की छूट सेना को दे रखी है। लिहाजा, भविष्य में और भी ऐसे स्ट्राइक पाकिस्तान के खिलाफ किए जा सकते हैं। बता दें कि पिछले साल सितंबर में जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में सेना के बेस कैम्प पर आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने आधी रात को सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इसमें 30 से ज्यादा पाकिस्तानी आतंकी ढेर कर दिए गए थे। उड़ी हमले में भारत के 19 जवान शहीद हो गए थे। सोमवार को किए गए ऑपरेशन का मकसद दुश्मन को साफ संदेश देना था कि अगर पाकिस्तानी सैनिक हमारे जवानों को निशाना बनाएंगे तो भारत भी अब चुप नहीं बैठेगा।