दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स हॉस्पिटल में जिंदा नवजात को मरा हुआ बताकर प्लास्टिक के बैग में पैक करने की घटना से लोग स्तब्ध हैं। नवजात के पिता ने बताया कि दो बच्चों में से एक बच्चा जिंदा था मगर उसे भी अस्पताल वालों ने मरा बताकर पैक कर दिया था। टाइम्स नाऊ से बातचीत में पीड़ित पिता ने बताया कि अस्पताल ने उसके दोनों नवजात बच्चों का नर्सरी में रखकर इलाज करने के लिए 50 हजार रुपये प्रति बच्चा प्रति दिन कुल एक लाख रुपये की मांग की थी। तीन महीने के लिए अस्पताल ने कुल 50 लाख रुपये अदा करने की बात कही थी। जब इस पिता ने इतने पैसे चुकाने में असमर्थता जताई तो अगले ही दिन अस्पताल ने दोनों बच्चों को मरा बता दिया और उसे प्लास्टिक के बैग में पैक कर उन्हें थमा दिया।
पीड़ित पिता ने बताया कि दोनों नवजात के शव को लेकर जब अस्पताल से घर जाने लगे तो बीच रास्ते में ही एक बच्चे में हलचल महसूस की। इसके तुरंत बाद उस पैकेट को फाड़ा जिसमें बच्चा बंद था। बच्चे को जिंदा पाकर तुरंत नजदीकी अग्रवाल हॉस्पिटल में उसे भर्ती कराया गया। फिलहाल बच्चे का इलाज चल रहा है लेकिन उसमें कुछ सुधार नहीं हो रहा है। नवजात के पिता के मुताबिक लंबे समय तक बच्चे को रैप कर रखा गया था, इस वजह से उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। उसे समय पर इलाज नहीं मिल पाने की वजह से हालत नाजुक बनी हुई है।
पीड़ित पिता ने इस मामले में दोषी डॉक्टरों और अस्पतालकर्मियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने इस गंभीर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस प्रवक्ता दीपेंद्र पाठक ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘यह घटना चौंकाने वाली है। यह लापरवाही की हद है। दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा कानूनी विशेषज्ञ और दिल्ली मेडिकल काउंसिल से राय ली जा रही है। परिस्थितियों का ब्योरा भी हासिल किया जा रहा है। सभी तथ्यों का विश्लेषण करने के बाद कार्रवाई की जाएगी।’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने भी दिल्ली सरकार से मामले में रिपोर्ट तलब किया है।
My baby is critical as Max Hospital did not give treatment at right time, says father #DeathDoctor pic.twitter.com/yr89z8FqU7
— TIMES NOW (@TimesNow) December 1, 2017

