कश्मीर घाटी में आतंकियों से सहानुभूति रखने वालों ने कुछ टूर्नामेंटों में हिस्सा ले रही टीमों के नाम आतंकियों पर रखे हैं। इससे चिंतित सुरक्षा अधिकारियों ने कहा है कि ‘बड़ी समस्या’ से बचने के लिए इस प्रचलन से शुरुआत में ही निपटना होगा। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल क्षेत्र में हाल में खेले गए क्रिकेट टूर्नामेंट में कुछ टीमों के नाम आतंकियों पर आबिद खान कलंदर्स, खालिद आर्यंस और बुरहान लायंस रखे गए थे।

पिछले एक साल में बुरहान हिजबुल का सबसे खूखार कमांडर बनकर उभरा है जबकि खालिद उसका भाई था जो सुरक्षाबलों के आपरेशन में मारा गया था। बुरहान पिछले साल अपनी और साथियों की तस्वीर सोशल मीडिया पर डालकर सुर्खियों में आया था। इस तस्वीर में दिखे रहे 11 में से कई आतंकियों को मार गिराया गया लेकिन बुरहान अब भी सुरक्षाबलों के हत्थे नहीं चढ़ा है। कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में पिछले 20 वर्ष में कई ऐसे खेल टूर्नामेंट हुए हैं जिनका नाम मारे गए आतंकियों और अलगाववादी नेताओं के नाम पर रखे गए हैं।

श्रीनगर में नियमित रूप से शहीद ए मिल्लत क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन होता है जो हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारुक के पिता मीरवाईज मोहम्मद फारुक की याद में होता है। सुरक्षा अधिकारी इसे लेकर चिंतित है। एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि अगर इस प्रचलन को शुरू में ही नहीं रोका गया तो आगामी महीनों में यह बड़ी समस्या पैदा कर सकता है।

नेशनल कांफ्रेंस के कार्यवाहक अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को क्रिकेट टीमों के नाम आतंकियों पर रखने के चलन और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के लोकसभा में दक्षिण कश्मीर का प्रतिनिधित्व करने में संबंध नजर आता है। उमर ने कहा कि हमें नहीं भूलना चाहिए कि जिस दक्षिण कश्मीर का जिक्र हो रहा है वह महबूबा मुफ्ती की लोकसभा सीट है। पीडीपी के नेताओं ने हालांकि इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की।