लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल के. पटेल की नीतियों को लेकर बढ़ती नाराजगी के बीच सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने द्वीपों का दौरा करने की अनुमति नहीं दिए जाने और अपने कैडर और द्वीप के लोगों से मिलने से रोकने के लिए राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव दिया है।
राज्यसभा के महासचिव को लिखे अपने पत्र में, विश्वम ने कहा कि उन्होंने 26 मई को अपनी प्रस्तावित यात्रा के बारे में लक्षद्वीप प्रशासन को सूचित किया था, उन्हें आश्वासन दिया था कि वह COVID प्रोटोकॉल का पालन करेंगे। विश्वम ने कहा कि प्रशासन को जवाब देने में पांच दिन लग गए। जिसके बाद कवरत्ती के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने जवाब दिया कि COVID-19 महामारी के कारण, विश्वम को अपनी यात्रा स्थगित करनी चाहिए। विश्वम ने अपने पत्र में कहा, “यह ध्यान रखना उचित है कि COVID-19 महामारी के प्रकोप के बाद से, लक्षद्वीप के द्वीप 2020 में वायरस को बाहर रखने में सक्षम थे। हालाँकि, वर्तमान प्रशासन की नियुक्ति के बाद कुछ दिशानिर्देशों में ढील दी गई थी। जिसके चलते केंद्रशासित प्रदेश में 4,000 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिसमें 20 से अधिक मौतें पहले ही हो चुकी हैं। ”
CPI Rajya Sabha MP Binoy Viswam has moved privilege motion today regarding “denial of movement to Lakshadweep” pic.twitter.com/rGj1Z2VK0M
— ANI (@ANI) June 10, 2021
उन्होंने कहा कि यह निर्वाचित प्रतिनिधियों को द्वीप पर जाने से रोकने के लिए महामारी का उपयोग करने के लिए प्रशासन की ओर से “अलोकतांत्रिक” और “सत्ता का दुरुपयोग” है। इससे पहले माकपा के एक प्रतिनिधिमंडल को भी यात्रा की अनुमति नहीं दी गई थी।
विश्वम ने कहा, “एक सांसद का स्वतंत्र रूप से घूमने और लोगों से मिलने का अधिकार, सांसद होने के नाते उनके विशेषाधिकार का अभिन्न अंग है।” पटेल की नियुक्ति के बाद से, विश्वम ने कहा, प्रशासन ने कई निर्देश पारित किए हैं जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अतिक्रमण करते हैं, आर्थिक गतिविधियों को बाधित करते हैं और लोगों की आजीविका छीनते हैं।
उन्होंने कहा, “प्रशासन के लिए अपने अधिकार क्षेत्र के तहत लोगों की घोर अवहेलना करना और उन फैसलों को जारी रखना अस्वीकार्य है जो लोगों को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं।”
मालूम हो कि कुछ दिन पहले लक्षद्वीप के निवासियों ने नए नियमों के विरोध में 12 घंटे की भूख हड़ताल और प्रदर्शन किया। आलोचकों का कहना है कि प्रशासन के फैसलों ने 70,000 लोगों के द्वीपसमूह में गुस्से और डर का माहौल बना दिया है।