हाल के समय में देश की कई कंपनियों में वित्तीय धांधली के मामले सामने आए हैं। ताजा मामला मशहूर ट्रैवल कंपनी Cox and Kings से जुड़ा है। फोरंसिक ऑडिट में खुलासा हुआ है कि कंपनी में बीते 4 सालों में (2015-2019) के बीच करीब 21,000 करोड़ रुपए के फंड का गलत इस्तेमाल किया गया, मतलब कि कंपनी से पैसे निकालकर, उन्हें अपनी मर्जी से दूसरे कामों में लगाया गया। इसके साथ ही कंपनी के रिकॉर्ड गलत पाए गए हैं, 1100 करोड़ रुपए का लोन एक भाई द्वारा दूसरे भाई को दिया गया, जो कि बुनियादी नियमों के खिलाफ है।
इतना ही नहीं कंपनी ने 9000 करोड़ रुपए की सेल्स उन 160 ग्राहकों को की, जो या तो फर्जी हैं या फिर मौजूद ही नहीं हैं। ऑडिट में Cox and Kings कंपनी में इसी तरह की कई और धांधली भी सामने आयी हैं। द इंडियन एक्सप्रेस ने इस फोरेंसिक ऑडिट की रिपोर्ट एक्सेस की है।
Cox and Kings कंपनी ने यस बैंक से लोन लिया था, जिसका फरवरी 2020 में रेटिंग एजेंसी प्राइसवाटरहाउसकूपर्स द्वारा ऑडिट भी किया गया था। इस ऑडिट की रिपोर्ट की जानकारी भी द इंडियन एक्सप्रेस के पास है, आशंका है कि लोन लेने में भी धांधली हुई है।
बता दें कि Cox and Kings कंपनी के प्रमोटर अजय अजीत केरकर और उनका परिवार जब अपनी देनदारियां चुकाने में अक्षम हो गया तो वह अक्टूबर 2019 में दिवालिया अदालत में गए थे। कंपनी में केरकर परिवार के शेयर 12.20 फीसदी हैं और बाकी शेयर पब्लिक के पास हैं।
इस ट्रैवल कंपनी ने बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों से 5500 करोड़ रुपए का लोन लिया है, जिनमें से 2,267 करोड़ रुपए यस बैंक द्वारा दिए गए हैं। यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर द्वारा कई कंपनियों को गलत तरीके से लोन दिया गया, जो कि अब दिवालिया हो चुकी हैं। इस मामले में राणा कपूर जेल में बंद हैं। बीते माह ईडी ने राणा कपूर मामले में कॉक्स एंड किंग्स के प्रमोटर अजय अजीत केरकर से भी पूछताछ के लिए समन जारी किया था।
फोरेंसिक ऑडिट में पता चला है कि कॉक्स एंड किंग्स कंपनी में अधिकतर पार्टी ट्रांजैक्शन बिना बोर्ड की ‘मंजूरी’ और लोन एग्रीमेंट के बिना की गई। जांच में पता चला है कि कॉक्स एंड किंग्स ने 1100 करोड़ रुपए आलोक इंडस्ट्रीज को बतौर लोन दिए। जबकि आलोक इंडस्ट्री और कॉक्स एंड किंग्स के बीच किसी तरह का कोई व्यापार नहीं होता है। जांच में खुलासा हुआ है कि आलोक इंडस्ट्रीज के सीएफओ सुनील खंडेलवाल हैं, जो कि कॉक्स एंड किंग्स के सीएफओ अनिल खंडेलवाल के भाई हैं।
इसके अलावा ट्रैवल कंपनी ने साल 2019 में ही 589 करोड़ रुपए बिना लोन एग्रीमेंट के 11 सहयोगी कंपनियों को दिए।
2014 से 2019 के बीच कंपनी ने 5,278 करोड़ रुपए की सेल जिन ग्राहकों को दर्शायी है वो फर्जी हैं और कम से कम 141 तो जीएसटी विभाग में पंजीकृत भी नहीं हैं।
इसी तरह 2016 और 2019 के बीच कॉक्स एंड किंग्स को 15 ग्राहकों से 2548 करोड़ रुपए मिले, लेकिन कंपनी के बैंक अकाउंट्स में यह फंड रिसीव ही नहीं हुआ।
वित्तीय वर्ष 2019 में कॉक्स एंड किंग्स कंपनी ने अपने ऊपर कुल 2000 करोड़ रुपए का कर्ज दर्शाया और कंपनी पर स्टैंडअलोन कर्ज 3600 करोड़ रुपए था। कर्जदाताओं को कंपनी ने क्रेडिट कार्ड के 750 करोड़ रुपए कर्ज की जानकारी नहीं दी, जो कि डिस्कलोजर नियमों का उल्लंघन है।