कोरोना संक्रमण के पूर्णबंदी के चौथे दौर में प्रवेश के साथ ही राजस्थान देश भर में पांचवें स्थान पर बना हुआ है। प्रदेश में मंगलवार तक कोरोना मरीजों का आंकड़ा 5 हजार 629 को पार कर गया। राजस्थान के सबसे बड़े दोनों शहर जयपुर और जोधपुर में कोरोना ने हालात को चिंताजनक बना दिया है। इसके साथ ही तालाबंदी के तीसरे चरण के आखिर में उदयपुर और आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में कोरोना विस्फोट ने सरकार को भी सकते में डाल दिया। जयपुर जेल में तो करीब 150 कैदी और स्टाफ कोरोना से संक्रमित हो गए। प्रदेश के करीब 70 फीसद मरीज और इतनी ही मौतें इन दोनों शहरों की है। प्रदेश में तालाबंदश्रमिकों को लेकर बन गई है।
प्रदेश में अब तक ग्रीन जोन में शामिल कई जिले अब प्रवासी श्रमिकों के कोरोना संक्रमित पाए जाने पर ओरेंज जोन में आ गए हैं। प्रवासी श्रमिकों के कोरोना पीड़ित मिलने का सिलसिला शुरू होते ही मंगलवार सवेरे प्रदेश में जो 122 नए मरीज सामने आए, उनमें प्रवासियों की संख्या ही 103 है। इसके साथ ही चौथे चरण में मिली कई रियायतों के कारण अब कई इलाकों में आवाजाही भी बढ़ गई है तो दुकान शुरू हो गई हैं पर हालात अभी भी दूसरे और तीसरे चरण की तालाबंदी वाले ही दिख रहे हैं। जयपुर में तो रामगंज इलाके में ही शहर के 80 फीसद मरीज हैं।
प्रदेश में मंगलवार सवेरे तक 5 हजार 629 मरीज सामने आ चुके थे और 139 मौतें हो गई थीं। तालाबंदी के तीसरे चरण में मिली रियायतों के बावजूद लोगों में अभी भी भय का माहौल बना हुआ है। प्रदेश में अब प्रवासी मजदूरों की आवाजाही का दौर चलने से भी प्रशासन के साथ लोगों की चिंता बढ़ गई है। प्रदेश में अन्य राज्यों से आने वाले मजदूरों को 14 दिन एकांतवास में रहने की व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है।
प्रदेश के चिकित्सा विभाग के आंकड़ों के हिसाब से 33 में से 31 जिलों में कोरोना फैल चुका है। इनमें भी जयपुर और जोधपुर ही ऐसे जिले हैं जहां प्रदेश के 70 फीसद मरीज हैं। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि राज्य में अभी तक 2 लाख 43 हजार से ज्यादा जांचें हो गई हैं। इनमें भी 70 हजार से ज्यादा जयपुर और जोधपुर में हुई हैं। इसके साथ ही प्रदेश में ठीक होने वाले मरीजों की तादाद भी देश में सबसे ज्यादा है। जयपुर में 1625 मरीजों में से 983 ठीक हो गए हैं और अब 532 ही एक्टिव मरीज हैं। इसी तरह से जोधपुर में 1071 मरीज हैं और 787 ठीक हो चुके हैं। जयपुर के सबसे बड़े हाटस्पाट बने रामगंज इलाके में हालात नियंत्रण में है और बड़ी संख्या में लोगों को एकांतवास में भेज कर सफलता की तरफ कदम बढ़ाए गए हैं। सरकार का ध्यान अब जयपुर और जोधपुर में हालात संभालने पर है। प्रदेश में जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है।
चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह का कहना है कि योजना बना कर कोरोना के हाटस्पाट पर लगातार निगरानी की जा रही है। जयपुर और जोधपुर के अलावा कोटा में 313, अजमेर में 257, टोंक 150, उदयपुर में 411, नागौर 190, भरतपुर 129 मामले होने से इन शहरों पर भी निगरानी रखी जा रही है। विभाग ने भीलवाड़ा जैसे छोटे शहर को मार्च और अप्रैल के मध्य में ही नियंत्रित कर लिया था। भीलवाड़ा में सोमवार को एक साथ 26 कोरोना मरीज मिलने से हड़कंप मच गया। इनमें ज्यादातर प्रवासी राजस्थानी ही है। राजस्थान में कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर पूरी तरह से गंभीरता बरती जा रही है।
इसी का नतीजा है कि देश में ठीक होने वाले मरीजों के मामले में राजस्थान तीसरे नंबर पर है। तमिलनाडु और तेलंगाना के बाद राजस्थान में ठीक होने की दर 42 फीसद है। प्रदेश में जयपुर शहर के अब तक के तीनों पूर्णबंदी का विश्लेषण करने पर साफ होता है कि जैसे जैसे छूट का दायरा बढ़ाया गया मरीज ज्यादा मिलते गए और नए इलाके भी इसकी चपेट में आने लगे हैं।