छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की एक अदालत ने सोमवार को बजरंग दल के सात कार्यकर्ताओं को जमानत देने से इनकार कर दिया। इन लोगों ने रायपुर स्थित मैग्नेटो मॉल में क्रिसमस की सजावट को तोड़ डाला था। इसी को लेकर पुलिस ने इन्हें शनिवार को गिरफ्तार किया था और सोमवार को अदालत में इन सभी को पेश किया।
यह घटना बुधवार को घटी और उसी रात तेलीबांधा पुलिस थाने में 30-40 अज्ञात लोगों के खिलाफ बीएनएस की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
अन्य की पहचान की जा रही पुलिस
तेलीबांधा पुलिस थाने के पुलिस अधिकारी ने कहा, “शनिवार को दक्षिणपंथी समूह से जुड़े सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्हें मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है।”
पुलिस ने सोमवार को सातों आरोपियों को अदालत में पेश किया,जहां कोर्ट ने इन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया।
नौ घंटे तक बंद की थी सड़क
इन आरोपियों की गिरफ्तारी से नाराज होकर, लगभग 300 बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने तेलीबांधा पुलिस थाने के बाहर एक मुख्य सड़क को बंद कर दिया। लगभग नौ घंटे तक इन कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बैठकर यातायात बाधित किया।
क्या हुई थी घटना?
बता दें कि बुधवार को क्रिसमस की पूर्व संध्या पर, छत्तीसगढ़ में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कथित धर्मांतरण के विरोध में एक दिवसीय बंद का आह्वान किया था। उसी दिन लाठियों से लैस एक भीड़ मैग्नेटो मॉल में घुस गई और क्रिसमस की सजावट और अन्य सामान को तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाया। मॉल में सांता क्लॉस, बारहसिंगा, स्लेज, स्नोमैन आदि की मूर्तियां लगाई गई थीं। मॉल के सुरक्षा गार्डों ने भीड़ को रोकने की कोशिश की, लेकिन वे उन्हें नहीं रोक सके।
चश्मदीदों ने क्या कहा?
घटना को लेकर मॉल के एक कर्मचारी ने कहा, “अचानक 80-90 लोग अंदर घुस आए। हम विरोध प्रदर्शन का समर्थन कर रहे थे। पिछले 16 सालों से जब से हमने काम शुरू किया है, हम हमेशा दुकानें बंद करके विरोध प्रदर्शनों का समर्थन करते आए हैं, लेकिन पिछले 16 सालों में मैंने ऐसा व्यवहार कभी नहीं देखा। भीड़ ने हमें धमकाया और डराया, इतना ही नहीं उन्होंने मारपीट भी की। यह कोई विरोध प्रदर्शन नहीं था। तोड़फोड़ ने डर का माहौल बना दिया है।”
एक अन्य कर्मचारी ने कहा, “इस घटना से डरकर कुछ महिलाएं रो रही थीं। लेकिन भीड़ ने किसी की परवाह नहीं की और जो लोग उन्हें रोकने या समझाने की कोशिश कर रहे थे, वह उन पर टूट पड़ी। वे बार-बार कह रहे थे कि उन्हें सांता क्लॉज़ नहीं देखना है।”
बता दें कि बुधवार को कुछ समूहों ने बंद बुलाया था, क्योंकि बस्तर क्षेत्र के कांकेर जिले में एक धर्मांतरित परिवार के सदस्य के अंतिम संस्कार को लेकर दो समुदायों के बीच हाल ही में हुई झड़प हुई थी।
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