दिल्ली की एक कोर्ट ने एक महिला पर घरेलू हिंसा का झूठा मामला दर्ज कराने के आरोप में 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर महिला को बरी किया जाता है तो गलत मैसेज जाएगा कि महिलाओं की रक्षा के लिए बनाए गए कानून का दुरुपयोग हो रहा है।
मैट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट शैफाली बरनाला टंडन ने महिला की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि महिला ने पहली शादी से तलाक लिए बिना ही दूसरी शादी कर ली और उसने कोर्ट से तथ्यों को छुपाया और कानून का दुरुपयोग किया। यह साफ जाहिर हो रहा है कि महिला ने कोर्ट से अपनी शादी से संबंधित तथ्यों को छुपाया और घरेलू हिंसा एक्ट का गलत इस्तेमाल किया है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि महिला के इस कदम से समाज में एक गलत मैसेज जाएगा कि महिलाएं कानून का दुरुपयोग कर रही हैं। जब महिला से उसका मैरिज स्टेट्स पूछा गया तो उसने कहा कि वह मामले को खत्म करना चाहती है। कोर्ट ने महिला की याचिका को झूठी बताते हुए उस पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
महिला ने अपने दूसरे पति (जिससे नवंबर 2011 में शादी की थी) पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था। हालांकि, मामले की सुनवाई के दौरान यह पाया गया कि महिला ने दूसरी शादी के वक्त दावा किया था कि वह विधवा है। लेकिन वह पहले से शादीशुदा थी और उसका पहला पति जिंदा था।