पूरी दुनिया समेत भारत की राजधानी दिल्ली भी कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रही है। लेकिन अब कोरोना के साथ ही एक और वायरस ने दिल्ली में दस्तक दे दी है। दरअसल दिल्ली में डेंगू के कई मामले सामने आए हैं। हाल ही में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी कोरोना के साथ ही डेंगू से भी संक्रमित पाए गए हैं। जिसके बाद एक साथ दो वायरस से निपटना दिल्ली सरकार और यहां के लोगों के लिए एक चुनौती साबित हो सकता है।

इसी मुद्दे पर एनडीटीवी चैनल के एक प्रोग्राम में मेदांता अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर से बात की गई। जिसमें डॉक्टर ने बताया कि इस साल तक अभी डेंगू के उतने मामले सामने नहीं आए हैं जितने कि पिछले साल सामने आए थे। हालांकि डॉक्टर ने कहा कि डेंगू और कोरोना दोनों ही वायरस खतरनाक हैं और ये वायरस मरीज के शरीर के हर अंग को प्रभावित कर सकते हैं। जिसमें किडनी, हार्ट आदि को नुकसान भी शामिल है।

कार्यक्रम के दौरान एंकर ने दर्शकों के सवालों को भी शामिल किया। ऐसे ही एक दर्शक ने सोशल मीडिया के जरिए सवाल पूछा था कि लोग मास्क के जरिए अपना मुंह और नाक तो कवर लेते हैं लेकिन अधिकतर अपनी आंखें कवर नहीं करते हैं तो क्या वायरस के हमले से बचने के लिए चश्मों से आंखे कवर करना जरूरी है?

इसके जवाब में डॉक्टर ने कहा कि रिसर्च में पता चला है कि बॉडी के किसी भी फ्लूड से वायरस संक्रमण हो सकता है, जिसमें आंसू भी शामिल हैं लेकिन अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है, जिसमें आंखों से वायरस संक्रमण हुआ हो। इसलिए सामान्य तौर पर आँखे कवर करने की जरूरत नहीं है।

बातचीत के दौरान एंकर ने एक अन्य दर्शक के सवाल को डॉक्टर से पूछा, जिसमें भारत में कोरोना से तेज रिकवरी की वजह पूछी गई थी। इसके जवाब में डॉक्टर ने कहा कि इसकी अभी तक कोई ठोस वजह तो पता नहीं चली है लेकिन माना जा रहा है कि इसके पीछे भारत की बड़ी युवा आबादी का होना एक प्रमुख कारण है। दरअसल कोरोना अधिक उम्र के लोगों के लिए बेहद खतरनाक है और युवा बेहतर इम्यूनिटी के चलते इससे तेजी से ऊबर रहे हैं।

इसके अलावा डॉक्टर ने कहा कि इसके पीछे जेनेटिक वजह भी हो सकती है लेकिन अभी उसके बारे में पता नहीं है और इसकी जांच की जा सकती है।