coronavirus in world, coronavirus in india: श्रमिकों को भुगतान करने में रियायत देने की मांग करते हुए निर्यात उद्योग के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से कहा है कि अगर लॉकडाउन के दौरान विनिर्माण इकाइयों को फिर से खोलने के लिए जल्द से जल्द कोई रास्ता नहीं निकाला गया तो भारतीय उत्पाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने बाजार को खो देगा, और इस बाजार को चीन हथिया लेगा। चीन ने कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के बाद देश में उत्पादन फिर से शुरू कर दिया है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ सोमवार को एक बातचीत के दौरान निर्यातकों ने कहा कि अगर भारत इस मोड़ पर शिपमेंट शुरू नहीं करती है, तो इसके निर्यात बाजार का स्थान चीनी उत्पाद ले लेंगे। उन्होंने कुछ दवाइयों के निर्यात का उदाहरण दिया, जो देश में कोरोना वायरस फैलने के चलते प्रतिबंधित कर दी गई हैं। निर्यातकों ने कहा कि अगर उन्हें जल्द ही दवाओं के निर्यात की अनुमति नहीं दी गई तो वैश्विक बाजारों पर चीन का कब्जा हो जाएगा।
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फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) के डायरेक्टर जनरल अजय साहय ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘हमने अपनी समस्या बताई कि एक बार जब आप किसी भी देश (खासतौर पर चीन) के लिए जमीन तैयार करते हैं, वापसी करने के लिए बहुत मुश्किल हो जाता है।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए हमारी मांग है कि सरकार कम से कम 50 फीसदी श्रमशक्ति के साथ उत्पादन शुरू करने की अनुमति दे। या फिर सामाजिक दूरी, स्वास्थ्य और स्वच्छता मानदंडों को कम करे, ताकि उद्योग पर इसका बहुत अधिक असर ना हो।’
निर्यातकों ने कहा कि वेतन और बिलों के भुगतान जैसे आवश्यक कार्यों में शामिल कर्मचारियों को कारखानों में जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसके अलावा बैठक में निर्यातकों ने कोरोना से प्रभावित होने वाले व्यवसायों में नकदी की कमी का हवाला देते हुए वित्तीय सहायता की मांग की।