देश में कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के बीच मोदी सरकार के लिए राहत की खबर है। सब्जी, अंडा और मांस जैसे खाने के सामान की कीमत कम होने से खुदरा मुद्रास्फीति मार्च महीने में चार महीने के न्यूनतम स्तर 5.91 प्रतिशत पर आ गयी। महंगाई दर का यह आंकड़ा रिजर्व बैंक के लक्ष्य के हिसाब से संतोषजनक स्तर पर है।
सोमवार को जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति फरवरी 2020 में 6.58 प्रतिशत तथा पिछले साल मार्च में 2.86 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के सीपीआई के आंकड़े के अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर इस साल मार्च में 8.76 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने 10.81 प्रतिशत थी।
रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य रूप से खुदरा महंगाई दर पर गौर करता है। इसमें पिछले महीने से गिरावट का रुख है। दिसंबर 2019 से ही यह 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई थी। इससे पहले, नवंबर 2019 में खुदरा मुद्रास्फीति 5.54 प्रतिशत थी।
सरकार ने केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति अधिकतम दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया है। आंकड़े के अनुसार मार्च में अंडे की महंगाई दर 5.56 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व माह में 7.28 प्रतिशत थी। इसी प्रकार, सब्जियों की महंगाई दर आलोच्य महीने में 18.63 प्रतिशत रही जो एक महीने पहले फरवरी में 31.61 प्रतिशत थी।
इसके अलावा फल, दाल एवं अन्य संबंधित उत्पादों की मुद्रास्फीति भी नरम हुई है। हालांकि दूध और उसके उत्पादों की महंगाई दर फरवरी के मुकाबले मार्च में थोड़ी अधिक रही। आंकड़े के अनुसार ईंधन और लाइट (बिजली) खंड में महंगाई दर मामूली रूप से बढ़कर मार्च में 6.59 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व माह में 6.36 प्रतिशत थी।
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले एनएसओ के अनुसार कीमत आंकड़ा चुने गये 1,114 शहरी बाजारों और 1,181 गांवों से लिये गये। मंत्रालय के अनुसार सरकार के कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये ‘लॉकडाउन’ (बंद) को देखते हुए कीमत संग्रह का क्षेत्र में काम 19 मार्च 2020 से निलंबित है। ऐसे में करीब 66 प्रतिशत कीमत उद्धरण (कोटेशन)लिये गये।