कोरोना वायरस का आतंक पूरी दुनिया में फैल चुका है। भारत में भी अभी तक 107 लोग इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते हमारे देश में अफवाहों का भी बाजार गर्म है। इन अफवाहों को लेकर द इंडियन एक्सप्रेस ने एम्स के प्रोफेसर आनंद कृष्णन से बातचीत की। बातचीत के दौरान जब उनसे पूछा गया कि ऐसा माना जा रहा है कि गर्मी बढ़ने के साथ ही कोरोना वायरस कम हो जाएगा?

इस पर प्रोफेसर आनंद कृष्णन ने बताया कि तापमान बढ़ने के साथ ही वायरस के सर्वाइव करने के चांस कम होते जाएंगे लेकिन इसे लेकर कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।

सोशल मीडिया पर इस तरह की चर्चाएं हैं कि भारतीयों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है, इसके चलते कोरोना वायरस भारत में ज्यादा घातक साबित नहीं होगा! इसके जवाब में प्रोफेसर ने कहा कि यह गलत है। कोरोना वायरस के खिलाफ कोई इम्यूनिटी नहीं है। यह इसलिए भी असंभव है क्योंकि यह नया वायरस है, इसलिए इसके खिलाफ इम्यूनिटी होना बेहद मुश्किल है।

कई लोग दावा कर रहे हैं कि शाकाहार अपनाने से इस वायरस के असर से बचा जा सकता है। इस पर प्रोफसर आनंद ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि शाकाहार अपनाने से वायरस के खतरे से बचा जा सकता है। इस वायरस के ट्रांसमिशन का कारण खाना नहीं है। इसलिए यदि घर पर बनाकर चिकन खाते हैं तो उससे कोई समस्या नहीं है।

डॉक्टर आनंद ने ये भी साफ किया कि लहसुन, हल्दी, शहद आदि के इस्तेमाल से भी वायरस से नहीं बचा जा सकता। उन्होंने कहा कि हम सालों से लहसुन खाते आ रहे हैं। यदि ऐसा सच में होता तो हमें कोई बीमारी होती ही नहीं।

पूरी तरह से लॉक डाउन को भी डॉक्टर आनंद ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा किसी व्यक्ति से 1-2 मीटर की दूरी बनाकर ही इस वायरस से बचा जा सकता है।