कोरोना वायरस को लेकर चर्चाओं और अफवाहों का बाजार गरम है। इस बीच भारत में ऐसी भी चर्चाएं जोरों पर हैं कि तापमान बढ़ने के साथ ही कोरोना वायरस का असर भी धीरे-धीरे कम हो जाएगा। जब इस बारे में विशेषज्ञ से बात की गई तो उन्होंने तापमान बढ़ने पर वायरस पर कोई असर पड़ने वाली बात से इंकार कर दिया और कहा कि अभी तक इस बात के कोई सबूत नहीं हैं।

द इंडियन एक्सप्रेस ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के डायरेक्टर जनरल प्रोफेसर बलराम भार्गव से बातचीत की। इस दौरान प्रोफेसर ने बताया कि अभी तक इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि तापमान में बढ़ोत्तरी का वायरस पर कोई असर होता है या नहीं।

बातचीत के दौरान प्रोफेसर भार्गव ने भारत में वायरस के चलते हालात ज्यादा ना बिगड़ने की भी वजह बतायी। उन्होंने बताया कि हम भाग्यशाली रहे कि जनवरी-फरवरी में ज्यादा संक्रमण के मामले सामने नहीं आए लेकिन हम पूरी तरह से तैयार थे।

उन्होंने बताया कि जब वुहान में लोग वायरस से संक्रमित हो रहे थे, तभी हमने अपनी लेबोरेट्रीज को सैनेटाइज करना शुरु कर दिया था। हम निपाह वायरस और जीका वायरस से भी पहले निपट चुके हैं और उन्हें काबू करने में कामयाब रहे थे। अपनी तैयारियों के चलते हम अभी तक कोरोना वायरस को नियंत्रित करने में सफल रहे हैं।

प्रोफेसर भार्गव ने बताया कि हमने अपने लोगों के चीन के वुहान से समय रहते निकाल लिया था। इसके अलावा एयरपोर्ट्स आदि जगहों पर लोगों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई। जिससे कोरोना के मामले में अभी तक हमारे देश में कम ही सामने आए हैं।

इस वायरस की वैक्सीन के बारे में पूछे जाने पर प्रोफेसर भार्गव ने बताया कि इस पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में रिसर्च चल रही है। इसी तरह अन्य देशों में भी इस पर काम हो रहा है। हालांकि अभी इसमें वक्त लग सकता है।