पूर्णबंदी के दौरान हर घर का ध्यान रसोई पर है। इन दिनों सही दाम पर दूध, दही पनीर, फल, सब्जियां आदि की आपूर्ति बड़ी चुनौती बन चुकी है। दिल्ली एनसीआर में दूध की मांग में बेतहाशा वृद्धि हुई है। पूर्णबंदी के बाद दिल्ली-एनसीआर में मदर डेयरी के दूध की मांग छह लाख लीटर तक बढ़ी है। आमतौर पर जो मांग व आपूर्ति 28-30 लाख लीटर तक रहती है। लेकिन अब यह मांग 36 लाख लीटर तक पहुंच गई है। मदर डेयरी के प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की। जन जन तक पहुंचने के उद्देश्य में खरा उतरने के लिए मदर डेयरी ने कुछ और पहल की है। ताकि आपूर्ति शृंखला की दुरुस्तगी बनी रहे। आने वाले दिनों में आपूर्ति शृंखला को और मजबूत करने के लिए मदर डेयरी ने ई-कॉमर्स कंपनियों को साथ काम करने के आफर भी दिए हैं। इस बाबत मदर डेयरी के वरिष्ठ महाप्रबंधक रूपाराम चौधरी की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया है कि ई-कामर्स कंपनियां और मदर डेयरी मिलकर ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक अपनी पहुंच बना सकते हैं।

मदर डेयरी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोरोना विषाणु के प्रसार के कारण दिल्ली में भी असामान्य स्थिति है। मदर डेयरी ने प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों से आग्रह किया है कि दिल्ली-एनसीआर में दूध की सुचारु आपूर्ति बनाए रखने के लिए हमें मिलकर एक टीम के रूप में काम करना चाहिए। मदर डेयरी के प्रवक्ता ने कहा कि पहले से ही विभिन्न स्थानों पर हम लोगों ने भागीदारी के तहत एक साथ काम किए हैं। किसानों-पशुपालकों को जोड़ा है। मौजूदा परिदृश्य में और समय की जरूरत के तहत हमने ई-कामर्स दिग्गजों के साथ सहयोग को और मजबूत करने की पहल की है। जहां कुछ राज्य सरकारों ने जरूरी वस्तुओं को जन जन तक पहुंचाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसी को देखते हुए ई-कामर्स कंपनियों के साथ जुड़ने के प्रस्ताव के साथ जुड़कर मदर डेयरी ने भंडार को बरकरार रखने और संचालन की क्षमता बढ़ाने पर ध्यान लगाया है।

अधिकारी के मुताबिक, पूर्णबंदी के बाद एक दिन में 36 लाख लीटर तक दूध की मांग की पूर्ति की गई, जो एक रिकार्ड है, जबकि पूर्णबंदी से ठीक पहले यह 20-30 लाख लीटर प्रतिदिन ही थी।
उन्होंने कहा-हम अपनी पूरी क्षमता से काम करने के लिए तैयार हैं। कई ऐसे मौके आए जब हमने लगभग 36 लाख लीटर प्रतिदिन दूध की सुचारू आपूर्ति की। इतना ही नहीं अपनी क्षमता को 10 फीसद और अधिक बढ़ा सकते हैं। दरअसल इस समय मदर डेयरी अपने सभी 850 आॅपरेटिंग बूथों पर दूध और दूध उत्पादों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक निर्बाध आपूर्ति शृंखला बनाए रखने के जुगत में है। उन क्षेत्रों में रहने वाले ग्राहकों तक पहुंचने के प्रयास में जहां दूध के बूथ मौजूद नहीं हैं।

जनता का सहकारी तंत्र पर भरोसा ज्यादा
मौजूदा हालात में दिल्ली के जरूरी सामानों खासकर फल-सब्जियों के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी और संक्रमण के खतरे की आशंका के कारण इन दिनों लोग मदर डेयरी के सफल की दुकानों में ज्यादा पहुंच रहे हैं। वायरस की आशंका से लोगों ने रोज आने वाले दूधिया या खटाल से दूरी बना ली है। मदर डेयरी का रूख कर लिया है। कालकाजी के गिरीनगर स्थित इन दुकानों की गोल घेरे वाली लाइन में खड़ी अर्चना ने कहा-भले नंबर आधे घंटे बाद आए लेकिन सेफ चलुंगी। ऐसा सोचने वाली अर्चना अकेली नहीं हैं। अब तक रेहड़ी वालों से सब्जियां लेने वालों में शामिल कई गृहणियों का दावा है कि संक्रमण और कालाबाजारी के इस दौर में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड सहायक साबित हुआ है।