कोरोना में दिल्ली पुलिस की चारों तरफ से हो रही वाहवाही के बीच एक कोरोना संक्रमित कांस्टेबल ने पूरे महकमे और दिल्ली सरकार की पोल खोल दी है। तिलक नगर थाने का यह कांस्टेबल ड्यूटी करते हुए कोरोना संक्रमित पाया गया और इस समय उसका खेड़ा डाबर के चौधरी ब्रह्मप्रकाश अस्पताल में इलाज चल रहा है। अस्पताल के साथ दिल्ली सरकार की कोरोना को लेकर की गई व्यवस्था के दावे पर कांस्टेबल ने जो आपबीती बताई है वह सभी के लिए चौंकाने वाली है।

17 तारीख से भर्ती कांस्टेबल ने कहा है कि एक ही बरामदे में 20 रोगियों के लिए एक ही शौचालय की व्यवस्था की गई है। साथ ही बुखार और गले की खराश की दवाई बार-बार मांगने पर साफ इनकार किया जा रहा है। इसके अलावा गर्म पानी भी नहीं दिया जाता। हालांकि मामला सामने आने के बाद द्वारका जिला पुलिस उपायुक्त एंटो अल्फोंस ने तुरंत अस्पताल का मुआयना किया और कांस्टेबल के आरोपों की जांच करते हुए उसे दुरुस्त करने का भरोसा दिया, जबकि दक्षिणी-पश्चिमी जिलाधीश राहुल सिंह ने दिल्ली पुलिस कांस्टेबल के लगाए अव्यवस्था और लापरवाही के तमाम आरोपों को खारिज किया है।

तिलक नगर थाने के तिलक विहार चौकी पर मुस्तैद सचिन कुमार तोमर नामक इस कांस्टेबल ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि उनके परिवार की भी कोरोना जांच नहीं हो पा रही है। निजी लैब में प्रति व्यक्ति 4500 रुपए लिए जा रहे हैं। व्यवस्था से परेशान कांस्टेबल ने जब यह कहा कि उन्हें सीजीएचएस कार्ड की सुविधा है और दूसरे जगह जाना चाहता है तो उसे अस्पताल प्रशासन ने कहा कि वो खुद अपना आपात वाहन मंगाएं और यहां से चले जाएं।

डीएम का कहना है कि दिल्ली पुलिस कांस्टेबल को जब अस्पताल लाया गया था तभी से वे एक अलग कमरे की मांग कर रहे थे। उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो अब वो कमियां निकाल रहे हैं। डीएम राहुल सिंह ने बताया कि जिस दिन से मरीजों को यहां लाया गया है उसी दिन से उन सभी का ख्याल भी रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांस्टेबल के परिवार का कोरोना जांच के लिए मेडिकल टीम भेजी गई है। कांस्टेबल को भी इस विषय में समझाया गया है कि सभी लोग उनके लिए लगे हुए हैं और उनसे भी सहयोग की अपेक्षा है।