WTO की एक रिपोर्ट आई है जिसमें कहा गया है कि अभी भी भारत वेंटिलेटर के आयात पर सबसे ज्यादा 10 फीसदी ड्यूटी लगा रहा है, जबकि चीन में सिर्फ 4 फीसदी ड्यूटी लगाती है। कुमार विश्वास तंज कसते हुए कहा- FM जी, हम पर तो नहीं, लेकिन इस पर तो कृपा करें।

कोरोना वायरस तेजी से मार कर रहा है। देश में वायरस का प्रकोप बरकरार है। पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना के दो लाख 59 हजार 170 नए मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं कुल 1761 लोगों की मौत हो गई। यह एक दिन में सबसे ज्यादा हैं। देश में अब एक्टिव केस की कुल संख्या बढ़कर 20 लाख 31 हजार 977 हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि वेंटीलेटर की कमी से कोरोना वायरस सीधे फेफड़े पर हमला करता है जिससे मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।

उनका मानना है कि ऐसे में उसे वेंटिलेटर पर डालकर मशीन की मदद से ऑक्सीजन की सप्लाई ना दी जाए तो जान जा सकती है। ज़ाहिर कोरोना के इन हालात में वेंटिलेटर की डिमांड काफी बढ़ गई है। भारत में वेंटिलेटर की कुल तादाद सरकारी और निजी अस्पताल मिलाकर 40 हजार के करीब है। जबकि कोरोना की वजह से जरूरत काफी ज्यादा वेंटीलेटर की है।

भारत ने चीन से वेंटिलेटर खरीदने का फैसला किया है लेकिन चीन आनाकानी कर रहा है। लिहाज़ा सरकार ने 10 हजार वेंटिलेटर खरीदने के लिए टेंडर भी जारी किया है। लेकिन ऐसे हालात में यह देखना काफी अचरज भरा है कि सरकार वेंटीलेटर पर 10 फीसदी ड्यूटी लगा रही है। बड़ी-बड़ी बातें करने वाली मोदी सरकार को इतना तो अंदाजा होना चाहिए कि इसका क्या परिणाम होगा।

सोशल मीडिया पर लोगों में इससे गहरा रोष है। दीपू चौरसिया का कहना है कि जनता को जब तक निचोड़ो जब तक मर न जाए। देवेश मिश्रा ने लिखा- सोने दीजिए जग जाएगी। अर्पित कुमार सिंह ने लिखा- पता नहीं वो प्याज नहीं खाने की तरह सांस भी लेती है कि नहीं? रोहित जाखड़ ने लिखा- न खाता न बही जो मोदी कहे वो सही। सिया चक्रवर्ती ने लिखा- इन्होंने तो कहा था न कि वे गोरक्षक है जब वे न गाय माता को बचाते हैं बस उनके नाम पर असहाय लोगों को ऊपर पहुँचा देते हैं वो लोग वेवजह लोगों की जान बचाने के लिए कुछ करेंगे ऐसी उम्मीद करना ही व्यर्थ है।