वाराणसी पुलिस ने बुधवार को यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान को एक पोस्टर में बैल के तौर पर दिखाने को लेकर एक किसान के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपी को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए एक पुलिस टीम भी बनाई गई है।
मुख्य आरोपी का नाम मनोज कुमार पांडे है। दावा है कि ये पोस्टर उसी ने लगवाए हैं क्योंकि स्थानीय पुलिस बीते महीने चोरी हुए उसके बैल को नहीं ढूंढ रही थी। इन पोस्टरों में पांडे ने कथित तौर पर गोहत्या के विरोध में भी संदेश लिखा है। मनोज पांडे सारनाथ इलाके के बरईपुर गांव का रहने वाला है। ये पोस्टर शहर के कई हिस्सों में लगवाए गए हैं, जिनमें सारनाथ पुलिस स्टेशन के नजदीक एक जगह भी शामिल है। पोस्टर में पांडे के बैल ‘बादशाह’ की भी फोटो है। इन पोस्टरों में पांडे ने कहा है कि पुलिस आजम खान की भैंसों को 24 घंटे में ढूंढ लेती है, लेकिन 24 दिन गुजरने के बावजूद उसके बैल के बारे में कुछ भी पता नहीं कर पाई है।
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एडिशनल एसपी प्रोटोकॉल सुरेश चंद्र रावत ने द इंडियन एक्सप्रेस से बताया कि अपमानजनक फोटो और तथ्य पेश करने का मामला दर्ज किया गया है। रावत के मुताबिक, मामला बेहद संगीन है और आरोपी को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया जाएगा। जब पांडे से संपर्क किया गया तो उसने कहा कि पोस्टरों के जरिए उसने सवाल उठाया था कि पुलिस ने प्राथमिकता देकर आजम की भैंसें ढूंढ निकालीं क्योंकि वे कैबिनेट मिनिस्टर थे।
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पांडे के मुताबिक, वे एक आम आदमी हैं, इसलिए उनके बैल का 24 दिन बीत जाने के बावजूद कोई अता पता नहीं है। उसने दावा किया कि वह बैल का शिव के वाहन ‘नंदी’ के तौर पर पूजा करता है। वह दुखी है क्योंकि पुलिस उसके मामले पर एक्शन नहीं ले रही। पांडे ने बताया कि उसने सारनाथ पुलिस के पास 17 अप्रैल को एफआईआर दर्ज कराई कि तीन लोगों ने उसके बैल को बूचड़खाने में बेच दिया है।
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