केंद्रीय दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने एक ट्रैवल और टूर कंपनी को एक सीनियर सिटीजन महिला को 3.25 लाख की राशि वापस करने और मानसिक उत्पीड़न और परेशानी के लिए 25,000 रुपये का जुर्माना अदा करने का निर्देश दिया है। फोरम के अध्यक्ष इंदर जीत सिंह और सदस्य रश्मि बंसल की बेंच एक शिकायत पर सुनवाई कर रही थी।
शिकायत में एक टूर ऑपरेटर पर सर्विस में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए कहा गया था कि उसने 2021 में रद्द किए गए टूर और ट्रैवल पैकेज का पैसा वापस नहीं किया।
क्या कहना था शिकायतकर्ता का ?
अंजनी वी. राघवन ने अपनी शिकायत में कहा था कि उन्होंने बंक ट्राइब प्राइवेट लिमिटेड से 3.25 लाख रुपये में ‘स्कैंडेनेवियाई मिडनाइट सन’ नाम से 15-दिन का सीनियर सिटीजन पैकेज बुक किया था। लेकिन COVID-19 महामारी के कारण यह यात्रा रद्द हो गई और ट्रैवल कंपनी ने उनका पैसा वापस नहीं किया।
राघवन ने 18 मई, 2021 को कंपनी को एक कानूनी नोटिस भेजा था लेकिन कंपनी ने आर्थिक कठिनाइयों का हवाला देते हुए रिफंड करने के लिए दो महीने का वक्त मांगा लेकिन महिला को रिफंड नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया।
संभल के DM पर क्यों लगाया गया 10 हजार का जुर्माना? दो हफ्ते के भीतर जमा करनी होगी राशि
ट्रैवल कंपनी ने वापस नहीं किया पैसा
फोरम ने पूरे मामले की सुनवाई करते हुए सबूतों पर विचार किया और कहा कि महिला ने बंक ट्राइब प्राइवेट लिमिटेड को 3.25 लाख रुपये की राशि देहात स्टोर प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खाते के जरिये से दी थी और उन्हें यात्रा रद्द होने के बाद पैसा वापस नहीं किया गया।
इससे पता चलता है कि बंक ट्राइब और देहात स्टोर ने सर्विस देने में गड़बड़ी की है और दोनों ही बराबर-बराबर और व्यक्तिगत रूप से शिकायतकर्ता को यह राशि वापस करेंगे। फोरम ने इस साल अगस्त में यह आदेश दिया था। फोरम ने आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता एक सीनियर सिटीजन हैं और उन्हें सेवा में गड़बड़ियों के कारण परेशानी हुई। ऐसे में उन्हें मानसिक उत्पीड़न और परेशानियों के लिए मुआवजा मिलना चाहिए।
फोरम ने यह भी कहा कि महामारी के समाप्त होने के बाद भी और लंबे समय तक कार्रवाई न करने की वजह से शिकायतकर्ता को ऐसी स्थिति में मुआवजा मिलना चाहिए और यह राशि 25,000 रुपये तय की जाती है। फोरम ने दोषी ठहराए गए पक्षों को मुकदमेबाजी के खर्च के रूप में 15,000 का भुगतान करने का भी निर्देश दिया।
