चंडीगढ़ की एक कंज्यूमर कोर्ट ने रेल मंत्रालय पर 1 लाख 55 हजार का फाइन लगाया है। वजह ट्रेन में सफर कर रहे एक जोड़े की शिकायत है। दरअसल चंडीगढ़ से दिल्ली का सफर कर रहे राम वीर और उनकी पत्नी ममता वर्मा ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 5 नवंबर, 2018 को गोवा संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में एक अजनबी ने उनका पर्स छीन लिया था जिसमें कथित तौर पर सोने के गहने, एक मोबाइल फोन, 9,500 रुपये की नकदी और कुछ दस्तावेज थे।

कंज्यूमर कोर्ट ने कहा कि जब एक यात्री ट्रेन में टिकट सफर लेकर यात्रा कर रहा है तो यह रेलवे की ज़िम्मेदारी है कि उसकी यात्रा सफल और सुरक्षित हो। यह कहते हुए चंडीगढ़ के राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने रेल मंत्रालय पर को आदेश दिया कि इस जोड़े को 1.55 लाख रुपये का भुगतान किया जाए।

कोर्ट ने और क्या कहा?

राज शेखर अत्री और राजेश के आर्य की खंडपीठ ने रेल मंत्रालय अंबाला कैंट के डीआरएम, चंडीगढ़ के रेलवे अधीक्षक, नई दिल्ली के डीआरएम के खिलाफ शिकायत की अनुमति देते हुए आगे कहा कि रेलवे अधिकारियों को सामान सामान की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और उन्हें ट्रेन में सुरक्षा कर्मचारियों यानी सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की उचित उपलब्धता भी ध्यान देना चाहिए।

शिकायत में और क्या था?

रेलवे के खिलाफ कोर्ट पहुंचे राम वीर और उनकी पत्नी ममता वर्मा ने रेलवे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि जब ट्रेन चंडीगढ़ रेलवे जंक्शन से रवाना हुई तो आरक्षित कोच के अंदर कुछ ऐसे लोग घूम रहे थे जिनके पास टिकट नहीं था। हमने इनके खिलाफ टीटीई से शिकायत भी की थी। लेकिन टीटीई ने किसी तरह का ध्यान नहीं दिया ना दरवाजे बंद किए गए।

राम वीर ने आरोप लगाया कि जब ट्रेन अंबाला कैंट से रवाना हुई। तब एक अजनबी ने उनकी पत्नी का पर्स छीन लिया जिसमें कथित तौर पर सोने के गहने, एक मोबाइल फोन, 9,500 रुपये की नकदी और कुछ दस्तावेज थे। वह पर्स छीन कर धीमी गति से चल रही ट्रेन से कूद कर भाग गया। उन्होंने टीटीई से संपर्क किया लेकिन उन्होंने कोई मदद नहीं की और जब उन्होंने सुरक्षा स्टाफ यानी जीआरपी और आरपीएफ के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि ट्रेन में कोई सुरक्षा कर्मचारी तैनात नहीं है।