मध्य प्रदेश में ‘किसान ऋण माफी’ को लेकर कांग्रेस जहां अपनी पीठ थपथपा रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इसे महज छलावा करार दे रही है। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर जब कर्ज माफी के नाम पर ठगी का आरोप लगाया, तब कांग्रेस के कार्यकर्ता ऋण माफी के तमाम कागजात के साथ उनके घर पर पहुंच गए। मंगलवार को भोपाल में सुरेश पचौरी के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रितिनिधिमंडल नारेबाजी करते हुए उनके आवास पर पहुंचा। उन्होंने शिवराज सिंह चौहान को एक पेन ड्राइव दी जिसमें किसानों की कर्ज माफी का सारा डिटेल था। कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल लभार्थियों और उनके बैंक डिटेल के सारे दस्तावेज पूर्व सीएम शिवराज को सौंपने का दावा किया।

शिवराज सिंह के घर पर पहुंचे कांग्रेस के नेता सुरेश पचौरी ने कहा, “किसानों का फसल ऋण योजना के तहत जो कर्ज माफ किए गए, उसका विवरण हमने शिवराज सिंह चौहान को सौंपा है।” पचौरी ने कहा, “माननीय मुख्यमंत्री (कमलनाथ) ने जो आदेश जारी किया है, उसका पूरी तरह पालन किया गया है और प्रथम चरण में लगभग 21 लाख किसानों के कर्ज माफ किए गए हैं। इसका विवरण हम (शिवराज सिंह के समक्ष) प्रस्तुत करने जा रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ” शिवराज जी और बीजेपी भ्रम की स्थिति निर्मित कर रहे हैं। हम उनको वास्तविक स्थिति से परिचित कराने आए हैं और वे निरुत्तर हैं।”

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल का उनके घर पहुंचकर कर्जमाफी के सबूत पेश करने को शिवराज सिंह चौहान ने छलावा करार दिया। उन्होंने कहा कि जमीन पर स्थिति कांग्रेस के कागजी दावों से बिल्कुल जुदा है। बेहतर होगा कि वो मुझे संतुष्ट करने से पहले किसानों को संतुष्ट करें। चौहान ने दावा किया कि भारी संख्या में किसानों को लोन चुकाने का नोटिस भेजा जा रहा है और धमकी दी जा रही है कि यदि उन्होंने लोन नहीं चुकाया तो उनकी संपत्ति कुर्क कर ली जाएगी। शिवराज ने कहा, ” फिल्ड में किसान चिल्लाते हैं कि कर्ज माफ नहीं किया गया। किसानों को नोटिस मिल रहे हैं। बैंक द्वारा कार्रवाई की बात कही जा रही है। एक नहीं बल्कि अनेक नोटिस मिले हैं और कांग्रेस कह रही है कि सबके कर्ज माफ कर दिए हैं।”

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार संहिता में प्रावधान है कि यदि लाभार्थी का चयन पहले से निर्धारित है तो उनके खाते में पैसे डाले जा सकते हैं। राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव में दावा किया था कि उनके दल की सरकार बनते ही 10 दिनों के भीतर सभी किसानों के ऋण माफ कर देंगे। लेकिन, हकीकत में ऐसा नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा, ” 23 मई को जब रिजल्ट आएगा तब पता चलेगा कि जमीन पांव से खिसक गई है। राहुल गांधी ने 10 दिन में कर्ज माफ करने का वादा किया था। लेकिन, कर्जमाफी के नाम पर झुनझुना पकड़ा दिया। लाखों किसान ठगे गए हैं।” किसानों के फसलें नहीं खरीदे जाने का आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “ये मामा मुख्यमंत्री होता तो चार महीने में किसानों के खाते में 8 बार पैसे डाल चुका होता।”