कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को पार्टी के शासन वाले चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के मुख्यमंत्री से कहा कि राज्य में हर गर्भवती महिला और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को हर महीने कम से कम 6000 रुपये की राशि मिलना सुनिश्चित करें। सोनिया ने यह राशि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत उपलब्ध कराने को कहा।
पंजाब, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्रियों को इस संबंध में पत्र लिखा। पत्र में सोनिया ने कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के प्रावधानों को लेकर काम नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाएगी। उन्होंने पार्टी शासित राज्यों में खाद्य सुरक्षा योजना के प्रदर्शन में सुधार की जरूरत पर बल दिया।
पत्र में सोनिया गांधी ने कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) 2013 के तहत सभी गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 6000 रुपये प्रतिमाह दिए जाने का वादा किया गया था। इसमें वे महिलाएं शामिल नहीं हैं जो पहले ही किसी और माध्यम से इस तरह का लाभ ले रही हैं।
इस कानून को लागू करने में असफल रहने के तीन साल बाद केंद्र सरकार ने साल 2017 में मातृत्व लाभ वाली प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना पेश की थी। इस योजना में 6000 रुपये की राशि को घटाकर 5000 रुपये कर दिया है। इसके अलावा इस योजना के लाभ को घटाकर प्रति महिला एक बच्चे तक सीमित कर दिया गया है। यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून का पूरी तरह से उल्लंघन है।’
एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि साल 2017-18 में इस योजना का लाभ सिर्फ 22 फीसदी महिलाओं को मिला। उन्होंने कहा कि आधार से जुड़ी इस ऑनलाइन योजना को लेकर कहीं न कहीं लोगों में अविश्वास पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि राशि का गलत आवंटन, गलत आधार लिंक होने व अन्य प्रकार की शिकायतें बार-बार देखने को मिल रही हैं। उन्होंने कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों से इस संबंध में समीक्षा करने को कहा।

