कांग्रेस पार्टी ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ व्यवस्था का विरोध किया है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को इस काम के लिए सरकार की ओर से बनाई गई उच्च स्तरीय समिति के सचिव को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के विचार का कड़ा विरोध करती है। उन्होंने इस काम के लिए बनाई गई उच्च स्तरीय कमेटी में भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा इसमें विपक्षी दलों को समुचित जगह नहीं दी गई है। देश के कई राज्यों में विपक्ष की सरकारें हैं। ऐसे में समिति की सिफारिशों पर असर पड़ेगा।

मजबूत लोकतंत्र के लिए ऐसे विचार नहीं अपनाने की दी सलाह

मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्र में कहा कि संसदीय शासन व्यवस्था को अपनाने वाले देश में एक साथ चुनाव की अवधारणा के लिए कोई जगह नहीं है। उनकी पार्टी ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विचार का पूरी तरह से विरोध करती है। पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस इस विचार का कड़ा विरोध करती है। एक मजबूत और संपन्न लोकतंत्र के लिए ऐसे विचार को खत्म कर देना ही उचित है। यहां पर एक साथ सभी चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं।

सरकार और समिति की ईमानदारी पर भी उठाया सवाल

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की ओर से सुझाव के लिए पिछले साल 18 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखा गया था। कांग्रेस अध्यक्ष ने 17 पॉइंट्स में अपने सुझाव समिति के पास भेजे हैं। खड़गे ने कहा, ‘‘सरकार और इस समिति को शुरू में ही इसको लेकर ईमानदार होना चाहिए था। वे जो प्रयास कर रहे हैं वह संविधान की मूल संरचना के विरुद्ध हैं और यदि एक साथ चुनाव लागू करना है तो संविधान की मूल संरचना में पर्याप्त बदलाव की आवश्यकता होगी।’’

उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी और देश के लोगों की ओर से मैं उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष (कोविंद) से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि वे संविधान और संसदीय लोकतंत्र को नष्ट करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उनके व्यक्तित्व और भारत के पूर्व राष्ट्रपति के पद का दुरुपयोग न करने दें।”

‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ समिति को एक साथ चुनाव के संबंध में हजारों सुझाव और फीडबैक प्राप्त हुए हैं, सुझाव देने वाले कुछ लोगों ने अकादमिक शोध पत्र भेजे हैं, कुछ ने सभी संभावित चुनाव सुधारों पर अपने विचार साझा किए हैं और कुछ लोग इस विचार का विरोध किया है। उच्च-स्तरीय समिति ने 5 जनवरी 2024 को प्रकाशित एक सार्वजनिक नोटिस के माध्यम से जनता से सुझाव आमंत्रित किए थे।