कांग्रेस नेता और सांसद मनीष तिवारी ने मोदी सरकार पर संसदीय चर्चा को लेकर बड़ा हमला बोला है। मनीष तिवारी ने एक कार्यक्रम में कहा है कि सांसद अब नगर निगम और असेंबली लेवल के मुद्दों पर चर्चा करते हैं, एलएसी विवाद को 21 महीने होने को आए हैं, अभी तक इसका कोई जिक्र भी नहीं है।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में बोलते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर मोदी सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर सरकार चर्चा नहीं करना चाहती है। उन्होंने कहा कि अब संसद में निगम के लेवल तक के मुद्दों पर चर्चा होती है। कांग्रेस नेता ने भारत-चीन सीमा गतिरोध का उल्लेख करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर “लगभग 21 महीनों के बाद भी संसद में एक भी चर्चा नहीं हुई है”।

उन्होंने कहा- “मुझे लगता है कि सरकार की ओर से एक अजीब सी अनिच्छा है”। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से ऐसा लगता है कि संसद में अब देश की बड़ी चुनौतियों पर चर्चा के बजाय निचले क्षेत्र के मुद्दों पर चर्चा हो रही है। संसद को ऐसा होनी चाहिए कि जहां देश के गंभीर मुद्दों पर, बड़ी चुनौती वाले मुद्दों पर चर्चा हो सके। हालांकि उन्होंने कहा कि स्थाई समितियों में गंभीर मुद्दों पर चर्चा होती।

बता दें कि मनीष तिवारी इन दिनों यूक्रेन से फंसे हुए भारतीय छात्रों को लेकर भी मोदी सरकार पर हमलावर रहे हैं। कई बार उन्होंने ट्वीट करके इस मामले पर पीएम मोदी को सलाह भी दी है। हालांकि पिछले कई महीनों से कांग्रेस नेता अपनी ही पार्टी की नीतियों से खफा दिखते रहे हैं। खासकर पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर।

मनीष तिवारी इस चुनाव में भी कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साधते रहे हैं। वहीं पंजाब के स्थानीय नेतृत्व से भी वो खासे नाराज ही दिखे हैं। मनीष तिवारी फिलहाल पंजाब से कांग्रेस के सांसद हैं और इनके बगावती रूख के कारण यह अटकलें लगती रही हैं कि वो भी कांग्रेस छोड़ सकते हैं, हालांकि खुद मनीष तिवारी कांग्रेस छोड़ने की बातों को खारिज कर चुके हैं।