मध्य प्रदेश में किसानों को फौरी राहत नहीं मिलने के विरोध में कांग्रेसी विधायक रात भर के लिए धरने पर बैठे. विधायकों का आरोप है कि सरकार किसानों की सहायता के नाम पर सिर्फ बांते कर रही है।

मध्य प्रदेश विधानसभा में कल एक दिन का सत्र बुलाया गया था। सदन के समाप्त होते ही कांग्रेसी विधायक धरने पर बैठ गए. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने कहा कि पिछले तीन सालों से लगातार ओलावृष्टि और असमय बारिश से किसानों की कमर टूट गई है इसलिये जिन किसानों को पिछली फसलों को नुकसान नहीं मिला है उसका भुगतान 15 दिनों में किया जाए।

कटारे ने गेहूं पर 150 रुपये बोनस दिये जाने, उनके बिजली के बिल माफ किये जाने, किसानों पर ब्याज माफ किये जाने और रिण की वसूली तत्काल स्थगित किए जाने की भी मांग की। कटारे ने सरकार पर किसानों के प्रति लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर विधानसभा का सत्र बुलाया गया था तो इससे किसानों के लिए कुछ मिलना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

विधायकों के विधानसभा से ना हटने के कारण रात भर विधानसभा को बंद नहीं किया जा सका. देर रात पहुंचे पुलिस बल ने विधानसभा से मीडिया कर्मियों को बाहर कर दिया।

मध्य प्रदेश सरकार ने कांग्रेस के इस प्रदर्शन को निराधार बताया. संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बाद में बताया कि उन्होने कांग्रेसी सदस्यों को समझाने का प्रयास किया और उनकी बातचीत सकारात्मक रही है. हालांकि कांग्रेसी सदस्यों ने धरना समाप्ति के संकेत नहीं दिए।