भारत में वर्ष 2014 में एनडीए पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में आयी और नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनें। उन्होंने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की शुरूआत की। यह उनकी महत्वकांक्षी योजना है। मोदी सरकार द्वारा इसका काफी प्रचार किया गया और अभूतपूर्व बताया लेकिन वर्ष 1975 में ही संजय गांधी ने स्वच्छ भारत मिशन की बात की थी। उन्होंने युवाओं को सफाई का फार्मूला दिया था।
कांग्रेस नेता संजय गांधी वर्ष 1975 में एक जनसभा में युवाओं को संबोधित किया था, “युवा कांग्रेस का एक कार्यक्रम सफाई का है। सफाई के फायदे तो आप जानते ही हैं। बीमारियां कम फैलेंगी। हमारे रहन-सहन अच्छे हो जाएंगे। ये भी एक आंदोलन है जो हमे तेजी से आगे बढ़ाना है। ये सब हम अपने-अपने गांव में कर सकते हैं। अपने-अपने ग्रुप बना लें और हफ्ते या हर महीने एक गली को पूरा साफ कर लें। एक साल में पूरा गांव चमक उठेगा। ऐसे ही ग्रुप हर मोहल्ले में बन जाए। हरेक गली को साफ करते जाएं तो पूरा शहर चमक जाएगा।”
संजय गांधी ने दहेज पर भी प्रहार किया था। उन्होंने कहा था, “हमारी जो संस्कृति है, उसमें बहुत सी अच्छी बातें हैं और साथ-साथ कई वहम भी आ गए हैं। इनमें सबसे बुरा वहम दहेज है। यहां सब युवक हैं। अगर अभी दहेज का सवाल नहीं आया है तो एक-दो साल में आ जाएगा। यहां जितने भी लोग हैं, उन्हें यह वचन लेना चाहिए कि वे न तो दहेज लेंगे और न हीं देंगे। ये न हो कि शादी से पहले ही साफ हो जाए सबकुछ।”
संजय गांधी ने अपनी सभा में आगे कहा कि और जो कार्यक्रम युवा कांग्रेस को करने हैं, उसमें एक कार्यक्रम हिंदुस्तान के लिए काफी जरूरी है। वो कार्यक्रम परिवार नियोजन का है। उन्होंने कहा, “हंसने से परिवार नियोजन नहीं होगा। इसमें काफी काम करना पड़ता है। काम करने से पहले सभी व्यक्ति को यह खुद फैसला करना चाहिए कि वे परिवार नियोजन करेंगे। पहले इसका नारा था, ‘दो या तीन बस’ और अब ‘दो पर ही बस’ कर दिया है।