कांग्रेस (Indian National Congress) के सीनियर नेता मोतीलाल वोरा का 93 वर्ष की आयु में दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल में निधन हो गया। उन्होंने कल यानी रविवार को ही अपना जन्मदिन मनाया था। वोरा, किसी जमाने में मध्य प्रदेश के एक हिंदी अखबार के पत्रकार थे। आगे चलकर मुख्यमंत्री बने और सियासी गलियारों में इतना आगे पहुंचे कि नरसिम्हा राव, सोनिया गांधी और राहुल गांधी तक के बेहद खास बने।
वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1927 को जोधपुर स्टेट (तब ब्रिटिश इंडिया के राजपुताना एजेंसी में और आज राजस्थान के नागौर में) के निंबी जोधा जोधपुर में हुआ था। वह पुष्करणा ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनकी शिक्षा-दीक्षा रायपुर और कोलकाता में हुई। आगे उन्होंने कई सालों तक कई अखबारों में काम किया। बाद में शांति देवी से उनका विवाह हुआ। उनकी चार बेटियां और दो बेटे हैं। एक बेटा अरुण वोरा छत्तीसगढ़ के दुर्ग से विधायक भी है।
बता दें कि 1968 में समाजवादी पार्टी के सदस्य रहे वोरा दुर्ग म्युनिसिपल कमेटी के सदस्य बने। 1970 के आस-पास वोरा प्रभात तिवारी की मदद से पं किशोरीलाल शुक्ला से परिचित हुए और उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन की। 1972 में वे कांग्रेस के टिकट पर मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए। 1977 और 1980 में फिर से वे विधायक बने।
उन्हें तत्कालीन मध्यप्रदेश सीएम अर्जुन सिंह की सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया। बाद में 1983 में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। वोरा 1981-84 के दौरान मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के उपाध्यक्ष भी रहे। 13 मार्च 1985 को वोरा को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। बाद में उन्होंने केंद्र सरकार में शामिल होने के लिए 13 फरवरी 1988 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।