कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी से पार्टी आलाकमान नाराज बताया जा रहा है। दरअसल इस नाराजगी की वजह अभिषेक मनु सिंघवी का एक ट्वीट है, जिसमें उन्होंने हिंदूवादी नेता वीर सावरकर का जिक्र किया है। गौरतलब है कि सिंघवी का यह ट्वीट सोमवार को आया है और सोमवार को ही महाराष्ट्र और हरियाणा में वोट डाले गए हैं।
बताया जा रहा है कि सिंघवी के इस ट्वीट पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है और अपने एक करीबी नेता द्वारा सिंघवी को फोन कर उनसे इस ट्वीट पर सफाई मांगी है। बता दें कि कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि “भारतीय सोच की ताकत ये है कि यह समावेशी है। आजादी के आंदोलन में कई धाराएं रहीं- सावरकर के राष्ट्रवाद में शामिल हिंसक और अंधराष्ट्रीयता वाले तत्वों और उनकी गांधी विरोधी विचारधारा से कोई सहमत नहीं हो सकता, लेकिन यह स्वीकार किया जा सकता है कि वह राष्ट्रवादी विचारों से प्रेरित थे।”
The strength of Indian thinking has been inclusive. Many strands of the freedom movement have existed—one cnot agree with the jingoism or violent elements of #Savarkar’s nationalism nor with his vicious anti #Gandhism but one can accept that he was imbued by nationalist motives.
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) October 21, 2019
महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव वाले दिन सिंघवी के सावरकर को लेकर किए गए इस ट्वीट से पार्टी आलाकमान असहज हो गया और इंडिया टुडे की एक खबर के अनुसार, सिंघवी को कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने फोन कर उनसे उनके ट्वीट पर सफाई मांगी है। बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी के कहने पर ही सिंघवी से यह सफाई मांगी गई है।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र चुनावों में सावरकर के नाम की खबू चर्चा हुई। दरअसल महाराष्ट्र भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की है। जिसे लेकर कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियों ने भाजपा को घेरा था। यही वजह है कि सिंघवी के ट्वीट की टाइमिंग को लेकर काफी कुछ कहा-सुना जा रहा है।