लोकसभा चुनाव 2024 की रणभेरी बजने के बाद पहला बुधवार कांग्रेस पार्टी के लिए काफी अच्छा रहा। बीएसपी से सस्पेंड किए गए सांसद कुंवर दानिश अली बुधवार को कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। दानिश अली बीते दिनों राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय न्याय यात्रा में शामिल हुए थे।
बुधवार को कांग्रेस में एंट्री के मौके पर दानिश अली ने बीएसपी का जिक्र किए बगैर कहा कि उन्होंने अपने आगे के सियासी सफर के लिए कांग्रेस के साथ चलने का फैसला किया है क्योंकि वह “विभाजनकारी ताकतों से सक्रिय रूप से लड़ने में कठिनाइयों” का सामना कर रहे थे।
दानिश अली ने पिछले हफ्ते ही सोनिया गांधी से मुलाकात कर अमरोहा लोकसभा सीट (Amroha Lok Sabha Seat) से चुनाव लड़ने के लिए उनका आशीर्वाद मांगा था। कहा जा रहा है कि अमरोहा से उनका टिकट पक्का है। वह पिछले कई महीनों से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं। दानिश अली लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीते थे।
पप्पू यादव भी हुए कांग्रेसी
बुधवार को ही पप्पू यादव ने अपने संगठन जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया। पप्पू यादव पांच बार के सांसद हैं। उनकी पत्नी रंजीत रंजन कांग्रेस पार्टी की राज्यसभा सदस्य हैं। बिहार के सीमांचल और कोसी इलाके में उनका प्रभाव माना जाता है।
कांग्रेस में एंट्री के बाद पप्पू यादव ने कहा कि इस देश को बचाने और इसके लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए राहुल गांधी की मुहिम में शामिल होने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके साथ लालू प्रसाद यादव का आशीर्वाद है और उन्होंने मंगलवार को राजद प्रमुख और उनके बेटे तेजस्वी से मुलाकात की थी।
माना जा रहा है कि पप्पू यादव पूर्णिया (Purnea Lok Sabha Seat) से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी होंगे। पिछले चुनाव में जदयू के संतोष कुशवाहा ने यहां जीत दर्ज की थी। पप्पू यादव ने दिसंबर 2016 में जन अधिकार पार्टी का गठन किया था। इस पार्टी को न तो पिछले लोकसभा चुनाव और न ही उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में कोई सफलता मिली। तब माना गया कि उनकी पार्टी ने बिहार के कई इलाकों में महागठबंधन का नुकसान किया था। वह माधेपुरा और पूर्णिया लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं।
विवादों से भी रह चुका है नाता
पप्पू यादव का विवादों से भी नाता रह चुका है। उनपर सीपीआई (एम) नेता अजीत सरकार की हत्या के आरोप लग चुके हैं, हालांकि बाद में वह इस मामले में निर्दोष करार दिए गए। मंडल आंदोलन के शुरुआती दौर में राजपूत नेता आनंद मोहन के साथ अनबन में रहने वाले पप्पू यादव 1990 के दशक की शुरुआत में अपने समाजवादी नेता शरद यादव के करीब थे, लेकिन बाद में उनके शरद से मतभेद हो गया। पप्पू यादव के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी को कोसी और सीमांचल में फायदा हो सकता है लेकिन पूर्णिया में पूर्व सांसद उदय सिंह भी टिकट के दावेदार है।
जम्मू में कांग्रेस को मिली डोगरा पावर
जम्मू-कश्मीर सरकार में मंत्री रह चुके पूर्व सांसद चौधरी लाल सिंह ने दोबारा कांग्रेस ज्वॉइन कर ली है। उन्होंने अपने संगठन डोगरा स्वाभिमान संगठन का भी कांग्रेस में विलय कर दिया है। 64 साल के लाल सिंह जम्मू डिवीजन के कठुआ जिले के रहने वाले हैं और माना जा रहा है कि कांग्रेस उन्हें उधमपुर सीट से चुनाव लड़ा सकती है।
वह साल 2014 में कांग्रेस द्वारा टिकट न दिए जाने पर बीजेपी में शामिल हो गए थे। साल 2018 में वह 8 साल की बच्ची के रेप और मर्डर मामले में आरोपियों के समर्थन में आ गए थे। बीजेपी के अलग स्टैंड को देखते हुए उन्होंने पार्टी छोड़ DSSP का गठन किया था। पिछले साल सात नवंबर को उन्हें ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था।
झारखंड में बीजेपी विधायक ने थामा दामन
इसके अलावा झारखंड के मांडू से बीजेपी विधायक जय प्रकाश भाई पटेल ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया और इंडिया गठबंधन को मजबूत करने की बात कही। वह इससे पहले JMM के टिकट पर भी चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने पिता और पूर्व सांसद टेक चंद महतो के सपनों को पूरा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह एनडीए में अपने पिता की विचारधारा नहीं देख पाते हैं। माना जा रहा है कि वो हजारीबाग लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।
असम में माने अब्दुल खालिक
असम राज्य में टिकट काटे जाने पर इस्तीफा देने वाले बारपेटा के सांसद अब्दुल खालिक ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र में कहा, “कांग्रेस को मजबूत करना समय की मांग है, इसलिए मैं अपना इस्तीफा वापस लेता हूं और आपके और राहुल गांधी के सक्षम नेतृत्व में काम करना चाहता हूं।”