Haryana Elections 2024 Congress Defeat: हरियाणा में कांग्रेस की हार के बाद अब पार्टी नेताओं की लड़ाई खुलकर सामने आने लगी है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और रोहतक से सांसद उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा पार्टी में विरोधियों के निशाने पर हैं। बताना होगा कि जीत की तमाम उम्मीदों के बाद भी हरियाणा में कांग्रेस को हार मिली है। इस हार के बाद कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व सकते में है और पार्टी ने हार के लिए जिम्मेदार नेताओं और कारणों की खोज शुरू की है।

हरियाणा के विधानसभा चुनाव में तमाम विपरीत हालात के बाद भी बीजेपी ने जीत हासिल की है और लगातार तीसरी बार सरकार बनाई है। पार्टी ने एक बार फिर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया है और नई सरकार ने शपथ लेकर कामकाज भी शुरू कर दिया है। सैनी के साथ 13 मंत्रियों ने शपथ ली है।

कांग्रेस ने हार के कारणों की तलाश के लिए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के विधायक हरीश चौधरी की दो सदस्यों की कमेटी बनाई है। इस कमेटी का काम है कि वह विधानसभा चुनाव लड़े कांग्रेस के उम्मीदवारों से फीडबैक ले और हाईकमान को अपनी रिपोर्ट दे।

विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले कांग्रेस के एक उम्मीदवार ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्होंने कमेटी के सदस्यों से फोन पर बातचीत की। उम्मीदवार ने कहा, “मैंने कमेटी को बताया कि दीपेंद्र सिंह हुड्डा के खेमे के लोगों ने मेरे खिलाफ खुलकर प्रचार किया और लोगों से कहा कि मुझे जीतने नहीं देना है।” कांग्रेस उम्मीदवार ने कमेटी को बताया कि जाट समुदाय के खिलाफ किए गए ध्रुवीकरण से बीजेपी को फायदा हुआ।

कांग्रेस उम्मीदवार के मुताबिक, उन्होंने कमेटी के सदस्यों को बताया कि उन्हें विधानसभा चुनाव में इसलिए नुकसान हुआ क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी के मंच से तब भी उनके लिए वोट नहीं मांगे जब लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी खुद मंच पर मौजूद थे।

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उम्मीदवार के मुताबिक, उनकी विधानसभा सीट पर जाट समुदाय के बीच ऐसा नैरेटिव था कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा उनका समर्थन नहीं कर रहे थे और इस वजह से उन्हें जाट समुदाय के वोट नहीं मिले और वह चुनाव हार गये।

चुनाव हारने वाले कांग्रेस के एक उम्मीदवार ने कहा कि चुनाव के दौरान हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) की जमीन पर मौजूदगी नहीं दिखाई दी और यह भी हार की एक बड़ी वजह है।

खींचतान भी बनी हार की वजह

हरियाणा के विधानसभा चुनाव में नतीजों के बाद कांग्रेस की हार को लेकर जो खबरें सामने आ रही हैं, उनके मुताबिक पार्टी नेताओं के बीच खींचतान होना भी हार की एक बड़ी वजह रही है। चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सिरसा से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा के बीच खींचतान साफ दिखाई दी थी। कुमारी सैलजा चुनाव प्रचार से कई दिन तक गैर हाजिर रही थीं।

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सियासी हमले झेल रहे हुड्डा

विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा सैलजा गुट के निशाने पर हैं। चुनाव नतीजों के बाद कुमारी सैलजा के अलावा शमशेर सिंह गोगी, परविंदर सिंह परी और राज्य पार्टी की ओबीसी विंग के अध्यक्ष कैप्टन अजय सिंह यादव समेत कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने पार्टी की हार के लिए हुड्डा और उनके बेटे और सांसद दीपेंद्र हुड्डा को खुले तौर पर जिम्मेदार ठहराया।

कैप्टन अजय यादव ने छोड़ी पार्टी

कांग्रेस की ओबीसी विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हरियाणा की सियासत के बड़े नेता कैप्टन अजय सिंह यादव ने नतीजों के बाद कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। अजय यादव का लंबे वक्त से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ 36 का आंकड़ा चल रहा था। विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी यादव काफी मुखर रहे थे।