राजस्थान में कांगो बुखार (Congo fever) का मामला सामने आया है। इससे 51 साल की एक महिला की मौत हो गई। जोधपुर में मामला सामने आने के बाद राजस्थान सरकार ने अलर्ट जारी किया है। महिला का अहमदाबाद के NHL म्युनिसिपल मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा था। पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी द्वारा की गई जांच में इस बात की पुष्टि हुई थी। महिला ने इलाज के दौरान बुधवार को दम तोड़ दिया। मामला सामने आने के बाद सरकार ने इसे लेकर गाइडलाइन जारी की है।

कैसे फैसली है यह बीमारी

यह बीमारी जानवरों से इंसान में फैलती है। इसके परजीवी जानवरों के शरीर पर होते हैं। यह हिमोरल नाम के परजीवी से फैलता है। सामान्यतः यह घर पर पाले जाने वाले जानवरों की चमड़ी पर पाए जाते हैं। इसकी पुष्टि में भी कई दिनों का समय लग जाता है। बताया जा रहा है कि जिस महिला की इस बीमारी से मौत हुई है उसने भी घर में एक गाय पाल रखी थी। खास बात यह है कि इस बीमारी की पुष्टि होने में काफी समय लगता है। सामान्य बुखार के बाद दूसरे सप्ताह में हेमेजेरिक लक्षण आते हैं। 2019 में भी इस बीमारी से अहमदाबाद में दो लोगों की मौत हो गई थी।

1944 में पहला मामला आया था सामने

कांगो बुखार का पहला मामला 1944 में यूरोप के क्रीमिया में सामने आया था। इसके बाद 1956 में अफ्रीकी देशों में भी मामले सामने आए। अफ्रीकी देश कांगो में इसके मामले सामने आए। इसका अभी तक कोई इलाज नहीं है। समय से इस बीमारी का पता चलने पर इससे बचाव किया जा सकता है। 2014 में पहली बार भारत में इसका मामला सामने आया। इसके बाद 2019 में भी इसके केस सामने आए।

क्या होते हैं बीमारी के लक्षण

इस बीमारी के लक्षणों में सबसे प्रमुख बुखार और मांसपेशियों में दर्द के साथ सिरदर्द होता है। कुछ लोगों को देज रोशनी से भी दिक्कत होती है। कुछ लोगों की आंखों में सूजन के भी लक्षण देखे गए हैं। वहीं डिप्रेशन और पेट दर्द भी इसके लक्षण है। कुछ मरीजों में हार्टरेट में भी इजाफा देखा गया है।