Jammu and Kashmir Pulwama’s Awantipora Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। पूरे भारतवासी शहीदों और उनके परिजनों के प्रति सम्मान व्यक्त कर रहे हैं। इस बीच पुलवामा हमले को लेकर फेसबुक पर एक आपत्तिजनक पोस्ट करने की वजह से कश्मीर के रहने वाले कथित तौर पर एक स्वतंत्र पत्रकार और दवा कंपनी के कर्मचारी वानी को 15 फरवरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। Macleods फार्मा द्वारा कंपनी के कर्मचारी रियाजन अहमद वानी को जारी नोटिस में कहा गया है कि उसने फेसबुक पर पोस्ट किया, “इसे सर्जिकल स्ट्राइक कहते हैं (Athh wanaaam surgical strike)।”
कंपनी ने अपने नोटिस में कहा, “सोशल नेटवर्क पर आपको देश विरोधी संदेश की वजह से कंपनी को तीखी टिप्पणियां व प्रतिक्रियाएं मिलने लगी है। यह न केवल हमारे संस्था को बदनाम कर रही है, बल्कि इसी छवि को भी छूमिल कर रही है। हमसे ये सवाल पूछा जाने लगा है कि हमारे संस्था में ऐसे राष्ट्र-विरोधी तत्व क्यों मौजूद हैं।”
कंपनी ने वानी को एक सप्ताह के अंदर उस पत्र का जवाब देने को कहा गया है, जिसमें यह पूछा गया कि क्यों न उसकी सेवा को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया जाए। नोटिस में यह भी लिखा गया है कि सही और संतोषजनक जवाब न मिलने पर कंपनी वानी को तत्काल प्रभाव से उसकी सेवा समाप्त कर देगी। फिलहाल पूरे मामले की जांच होने तक वानी को निलंबित कर दिया गया है।
वहीं, इससे पहले राजस्थान के सिरोही के स्पेशल कोर्ट जज राजेश नारायण शर्मा ने विवादित टिप्पणी करते हुए कहा, “ऐसे कई मरते रहते हैं। किस-किस का शोक मनाऊं। मेरा कोई शोक नहीं है।” साथ ही उन्होंने पुलवामा की घटना को लेकर आयोजित शोकसभा में जाने से इंकार कर दिया।
उत्तर प्रदेश स्थित अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एक छात्र ने भी पुलवामा हमले को लेकर विवादित टिप्पणी की। छात्र बसीम हिलाल ने ट्विटर अकाउंट पर पुलवामा हमले के बाद एक ट्वीट किया गया था जिसमें ‘हॉउज द जैश’ लिखा हुआ था। स्थानीय पुलिस शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच में जुट गई है। आरोपी के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।