उत्तर प्रदेश सरकार नैमिषारण्य में वेद विज्ञान अध्ययन केंद्र की स्थापना करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे लेकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए हैं और प्राथमिकता के आधार पर इसे पूरा करने के लिए उनकी जिम्मेदारी और जवाबदेही भी तय कर दी है। शनिवार को एक बयान में कहा गया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में नैमिषारण्य धाम और उसके समीप पर्यटक स्थलों के जीर्णोद्धार, नवनिर्माण और सौंदर्यीकरण परियोजनाओं की समीक्षा की।
बयान में यह भी कहा गया कि मुख्यमंत्री ने हर परियोजना के लिए समय-सीमा निर्धारित करते हुए नैमिषारण्य में वेद विज्ञान अध्ययन केंद्र की स्थापना करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। बयान में आगे कहा गया कि मुख्यमंत्री ने 88 हजार ऋषियों की तपोस्थली नैमिषारण्य के समग्र विकास के मकसद से राज्य सरकार द्वारा हाल में श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन का उल्लेख करते हुए कहा कि इस स्थली में हमारे ऋषि-मुनियों ने सनातन ज्ञान को लिपिबद्ध करने का अनुपम कार्य किया था, इसलिए राज्य सरकार यहां धार्मिक पर्यटन विकास की सभी संभावनाओं को प्रोत्साहित कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सिधौली स्थित मां ललिता देवी मंदिर सनातन आस्था का महान केंद्र है। यहां सालभर श्रद्धालुओं का आगमन होता रहता है। पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विंध्यवासिनी धाम की तरह यहां कॉरीडोर का निर्माण कराया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके संबंध में आवश्यक प्रस्ताव करें और मां ललितादेवी मंदिर के भव्य प्रवेशद्वार और पंचमुखी प्लाजा का निर्माण तेजी से पूरा किया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि हर परियोजना का काम गुणवत्ता के साथ और समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाना जचाहिए। योगी ने निर्देश दिया कि सनातन आस्था को सम्मान और वैदिक ज्ञान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सीतापुर जिला स्थित नैमिषारण्य धाम में यथाशीघ्र वेद विज्ञान अध्ययन केंद्र की स्थापना की जाए। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में बजटीय प्रावधान भी किया गया है और वेद विज्ञान अध्ययन केंद्र की स्थापना से वेदों, पुराणों में संरक्षित ज्ञान को आमजन के बीच ले जाने के उद्देश्य से अध्ययन कार्य किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वेद विज्ञान अध्ययन केंद्र में प्रशासनिक भवन, शैक्षणिक भवन, गुरुकुल, योगशाला, यत्रशाला और मंदिर आदि का निर्माण हो। इसके अलावा, खगोलशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए यहां वेधशाला भी स्थापित की जाएं। उन्होंने कहा कि वेद विज्ञान अध्ययन केंद्र स्वरूप से लेकर इसकी संचालन प्रक्रिया तक के लिए विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा।
सीएम योगी ने निर्देश दिया कि एंट्रेंस पवेलियन, विजिटर फैसिलिटी सेंटर, आरती के लिए वेदियों का निर्माण, मिश्रिख में महादेव मंदिर और आश्रम परिसर में श्रद्धालु सुविधा विकास के कार्यों सहित तय परियोजनाओं के सभी कार्य पर्यटन विभाग द्वारा हर हाल में सितंबर तक पूरे कराए जाएं।