उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके कैबिनेट के मंत्री रविवार को सुबह आईआईएम लखनऊ पहंचे। मौका था आईआईएम में योगी सरकार के मंत्रियों के लिए आयोजित लीडरशिप डेलवपमेंट कार्यक्रम का। आईआईएम की तरफ योगी सरकार के मंत्रियों के लिए तीन दिन का विशेष कार्यक्रम तैयार किया गया है।
कार्यक्रम के अंतर्गत मंत्रियों को प्रबंध कौशल के साथ ही सुशासन, जनभागीदारी का पाठ पढ़ाया जाएगा। इस कार्यक्रम की खास बात है कि यहां न सिर्फ योगी सरकार के मंत्रियों की क्लास लगेगी बल्कि उन्हें होम वर्क भी दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश में यह पहली बार है कि किसी सरकार मंत्रियों की दक्षता में बढ़ोतरी के लिए आईआईएम जैसे श्रेष्ठ प्रबंधन संस्थान से प्रशिक्षण दिलवा रही है।
इस कार्यक्रम में सीएम समेत 56 मंत्री हिस्सा ले रहे हैं। रविवार सुबह सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद पहले सत्र का उद्घाटन किया। कार्यक्रम का दूसरा सत्र 15 सितंबर और तीसरा व आखिरी सत्र 22 सितंबर को होगा। सरकार की तरफ से जारी विज्ञप्ति के अनुसार कार्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इससे नेताओं की क्षमता, रणनीतिक रूप से सोच और उन्हें लागू करने के गुणों को विकसित किया जा सके।
इसके अलावा डायनेमिक और वैश्विक परिदृश्य का भी ध्यान रखा गया है। हर मॉड्यूल में व्यक्ति रूप से यह समूह में सीखने की विधियों से अवगत कराया जाएगा। इसमें ग्रुप डिस्कशन, केस विश्लेषण, ऑडियो-विजुएल और सामूहिक आकलन शामिल है। एनबीटी की खबर के अनुसार आईआईएम के एक प्रोफेसर ने बताया कि माड्यूल के इस तरह से तैयार किया गया है कि अभ्यर्थियों को व्यावहारिक ढंग से समझाया जा सके।
खबर के अनुसार कार्यक्रम मंथन के पहले दिन वैश्विक, राष्ट्रीय व प्रदेश के आर्थिक परिवेश पर चर्चा के साथ ही विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके अलावा मंत्रियों के नेतृत्व, उनके नजरिये और उनके दृष्टिकोण को लेकर बात होगी। इतना ही नहीं नेताओं के संवाद, संचार के साथ ही उनके प्रबोधन शैली पर बातचीत भी पहले दिन के कार्यक्रम का हिस्सा होगा।
सत्र के दूसरे दिन नीति निर्माण की प्रक्रिया के साथ ही लक्षित समूहों की अपेक्षाओं पर चर्चा होगी। इसके अतिरिक्त नीति के क्रियान्वयन व परियोजना प्रबंधन पर भी बातचीत होगी। आखिरी दिन निर्णय लेने संबंधी प्रक्रिया, जोखिम का अनुमान व आकलन के साथ ही नौतिक राजनीतिक नेतृत्व पर बातचीत होगी।