कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कन्नड़ राज्योत्सव समारोह के अवसर पर कहा कि कर्नाटक सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी कि राज्य में बने उत्पादों पर कन्नड़ भाषा में लेबलिंग हो। सिद्धारमैया ने कहा कि कर्नाटक में निजी और सरकारी क्षेत्र में जो सामान और उत्पाद निर्मित किए जा रहे हैं, उनकी पैकेजिंग पर वर्तमान में केवल अंग्रेजी भाषा लिखी होती है। उन्होंने कहा कि पैकेजिंग पर कन्नड़ में भी उत्पादों के नाम होने चाहिए और हम इस लक्ष्य की दिशा में प्रयास करेंगे।
हम कर्नाटक में कन्नड़ का माहौल बनाएंगे- सिद्धारमैया
सिद्धारमैया ने कन्नड़ राज्योत्सव पुरस्कार के एक कार्यक्रम में कहा, “हम कर्नाटक में कन्नड़ का माहौल बनाएंगे, जहां लोग भाषा सीखेंगे और डेली इसका उपयोग करेंगे। यह वह सम्मान होगा जो हम भाषा को देते हैं।” इसके अलावा सिद्धारमैया ने पुराने मैसूरु जिला कमिश्नर कार्यालय में एक कन्नड़ संग्रहालय की स्थापना की भी घोषणा की, जिसे अट्टारा कचेरी के नाम से जाना जाता है।
सिद्धारमैया ने कहा, “अट्टारा कचेरी को एक नए कार्यालय से बदल दिया गया है। चूंकि पुराने कार्यालय का उपयोग नहीं किया जा रहा है, इसलिए हमने मैसूर में पुराने कार्यालय में एक कन्नड़ संग्रहालय बनाने का फैसला किया है।” कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा माहौल बनाना जहां गैर-कन्नड़ भाषी कन्नड़ सीखें क्योंकि यह कन्नड़ भाषा के विकास के लिए आवश्यक है।
सिद्धारमैया ने कहा, “जब मैं सत्ता में रहूंगा, तो मैं कन्नड़ को अपमानित नहीं होने दूंगा। मैं 1983 में कन्नड़ कवलु समिति का अध्यक्ष था। कर्नाटक में ऐसी स्थिति पैदा हो गई है जहां कन्नड़ की रक्षा के लिए एक समिति की आवश्यकता है। यह समिति अभी भी कन्नड़ विकास प्राधिकरण के रूप में कार्य कर रही है।”
भाषा और संस्कृति के लिए भी प्यार होना चाहिए- कर्नाटक CM
सिद्धारमैया ने कहा कि इंसानों के बीच प्यार होना चाहिए लेकिन भाषा और संस्कृति के लिए भी प्यार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भले ही आप कोई दूसरी भाषा सीखें, आपको अपनी कन्नड़ मातृभाषा नहीं भूलनी चाहिए। कन्नड़ भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है। सिद्धारमैया ने कहा कि हम सभी को कन्नड़ को वह सम्मान दिलाने में मदद करने के लिए काम करना होगा, जिसकी उसे जरूरत है।