पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार (21 दिसंबर, 2019) को टीएमसी नेताओं की एक टीम भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश में भेजने का फैसला है। सीएम योगी के नेतृत्व वाले इस राज्य में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के चलते पुलिस कार्रवाई में कम से कम 16 लोगों की मौत हो चुकी है। सूत्रों ने बताया कि सीएम ममता भाजपा शासित राज्यों में CAA और NRC का विरोध कर रहे लोगों की मौत पर बीजेपी के खिलाफ आवाज उठाने की योजना बना रही हैं।

टीएमसी के अखिल भारतीय महासचिव सुब्रत बख्शी ने कहा कि पार्टी रविवार यानी आज कथित पुलिस गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने के लिए चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल उत्तर प्रदेश भेजेगी। शनिवार की शाम तक, भाजपा के योगी आदित्यनाथ द्वारा शासित राज्य में कम से कम 16 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक रविवार तक यह आंकड़ा बढ़कर 18 पहुंच गया।

सुब्रत बख्शी के मुताबिक हमारा प्रतिनिधिमंडल मानवीय मिशन पर उत्तर प्रदेश जा रहा है, ताकि उन पीड़ित परिवारों का दुख बांट सके। प्रतिनिधिमंडल मारे गए लोगों के साथ नागरिकता कानून के विरोध में घायल हुए लोगों से भी मुलाकात करेगा। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिनेश त्रिवेदी, जोयनगर के सांसद प्रतिमा मंडल, राज्य सभा सांसद नदिमुल हक और अबीर बिश्वास शामिल हैं। ये लोग आज राजधानी लखनऊ पहुचेंगे। उल्लेखनीय है कि सीएम ममता ने असम में भी दो बार अपने सांसदों की एक टीम भेजी थी, जब वहां साल 2018 में एनआरसी संकट गहराया था।

टीएमसी के एक सांसद ने कहा कि केवल भाजपा शासित राज्यों में प्रदर्शनकारियों की मौत चौंकाने वाली है। मगर योगी आदित्य नाथ के उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खतरे को बढ़ा दिया है। उन्होंने आगे कहा, ‘कुछ ही दिनों भारत में प्रदर्शनकारियों की मौत (मुख्य रूप से भाजपा शासित राज्यों में) हांगकांग विरोध प्रर्दशनों में मरने वालों से अधिक हो गई, जबकि वहां पिछले छह-सात महीनों से प्रदर्शन जारी है।’

सांसद के मुताबिक अगस्त 2018 में असम की तरह, पार्टी को पता है कि प्रतिनिधिमंडल को लखनऊ एयरपोर्ट पर पुलिस द्वारा हिरासत में लिया जा सकता है। हालांकि, सांसद ने कहा कि टीम के सदस्य कुछ शोक संतप्त परिवारों तक पहुंचने की पूरी कोशिश करेंगे।