हरियाणा में राजेश खुल्लर की ताकत से हर कोई वाकिफ है। सूबे में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से वो सबसे ज्यादा ताकतवर नौकरशाह रहे। हालांकि मनोहर लाल खट्टर जब सीएम बने तब संजीव कौशल सबसे ताकतवर थे। लेकिन बाद के दौर में राजेश खुल्लर सबसे अहम होते गए। उनकी ताकत का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि रिटारमेंट के एक दिन बाद ही खट्टर ने उनको चीफ प्रिंसिपल सेक्रेट्री बना दिया। अभी तक इस पोस्ट पर आईएएस डीएस ढेसी काम कर रहे थे। उनको तत्काल प्रभाव से रिलीव कर दिया गया है। खुल्लर अब उनका चार्ज लेंगे।
राजेश खुल्लर 35 साल की सेवा के बाद बीते दिन ही रिटायर हुए थे। वो 1988 बैच के आईएएस हैं। खट्टर सरकार में कई अहम महकमे उनके पास थे। वो राजस्व, स्कूल शिक्षा के साथ पब्लिक रिलेशन का काम देख रहे थे। जानकार कहते हैं कि खट्टर उन पर काफी ज्यादा डिपेंड करते हैं। इसके साथ ही खुल्लर के संबंध बीजेपी के कई केंद्रीय नेताओं से भी अच्छे रहे हैं। बीजेपी के पॉवर में आने के बाद ही वो ताकतवर बनकर उभरे।
तीन साल के लिए वर्ल्ड बैंक में नियुक्त हुए थे खुल्लर
सितंबर 2020 में खुल्लर को विश्व बैंक का कार्यकारी निदेशक बनाया गया था। उनको वाशिंगटन डीसी में तीन साल के लिए नियुक्त किया गया था। उस समय वो मनोहर लाल खट्टर के प्रिंसिपल सेक्रेट्री थे। हालांकि उसके बाद हरियाणा सरकार ने उनकी डेपुटेशन को वापस लेकर उनको वापस हरियाणा में भेजने की सिफारिश की। केंद्र ने उनकी सिफारिश मंजूर कर ली। उसके बाद वो फिर से मनोहर लाल के पास आ गए।
नई नियुक्ति के बाद और ज्यादा ताकतवर होकर उभरेंगे खुल्लर
जानकारों का कहना है कि नई नियुक्ति के बाद खुल्लर और ज्यादा ताकतवर होकर उभरेंगे। वैसे भी हरियाणा के सारे संवेदनशील मसले उनके पास ही होते रहे हैं। ध्यान रहे कि हरियाणा में बीजेपी की सरकार जजपा के समर्थन से चल रही है। डिप्टी सीएम की कुर्सी जजपा के पास है। दुष्यंत चौटाला खुद सूबे के डिप्टी सीएम हैं।